ज्योतिषाचार्यों की माने तो नवरात्र के नौ ही दिन खरीदारी के विशेष फलदायी माने जाते हैं। इसमें भी कोई सं
योग बन जाए तो बात विशेष हो जाती है। आचार्य धीरेन्द्र के अनुसार शारदीय नवरात्र 21 से शुरू होकर 29 सितम्बर तक चलेंगे। इस दौरान तीसरे नवरात्र अश्विन शुक्ल तृतीया पर विशेष योग संयोग बनेंगे। उनके अनुसार नवरात्र हस्त नक्षत्र में गुरुवार को प्रारंभ होंगे। वार व नक्षत्र दोनों ही उत्तम है। पहले दिन दिनभर घटस्थापना व खरीदारी के
मुहूर्त रहेंगे। इनमें सोना, चांदी, मोटर, वाहन, इलेक्ट्रोनिक उपकरण, फर्नीचर सभी तरह की वस्तुएं खरीदी जा सकेंगी।
इस मुहूर्त में घटस्थापना आचार्य धीरेन्द्र के अनुसार सूर्योदय के बाद सुबह 6.16 से 7.47 बजे, दोपहर 12.20 से 3.20 बजे तक लाभ व अमृत अभिजीत मुहूर्त में 11.55 से 12.44 बजे तक घट स्थापना की जा सकेगी।
सुबह से रात तक खरीदारी दोपहर 12.20 से 3.20 बजे के मध्य अमृत के चौघडि़ए में सोना, चांदी, आभूषण व हर तरह की वस्तु को खरीदा जा सकता है। 11.50 से 3.20 बजे के मध्य चर, लाभ व अमृत का चौघडिय़ा, 10.49 से 12.20 बजे के मध्य चर के चौघडि़ए में वाहन व चलायमान कोई भी वस्तु को खरीदना श्रेष्ठ रहेगा। लाभ व अमृत में हर तरह की वस्तुओं को खरीदा जा सकेगा।
इस समय के दौरान भी खरीदारी नहीं हो पाई तो शाम को 4.52 से 6.23 बजे के मध्य शुभ के चौघडि़ए में खरीदारी की जा सकेगी। आचार्य धीरेन्द्र की माने तो यह पूरा दिन ही खरीदारी के लिए श्रेष्ठ है। इसी के चलते शाम को 4.52 बजे से रात को 9.21 बजे तक शुभ अमृत व चर में रात तक खरीदारी का दौर चलेगा और बाजार गुलजार रहेंगे।
फिर सर्वार्थ सिद्धि योग 23 सितम्बर को तीसरे नवरात्र पर सर्वार्थ सिद्धि योग धर्मध्यान के साथ बाजारों के लिए भी विशेष रहेगा। आचार्य के अनुसार इस दिन गुरु व चन्द्र की युति रहेगी। इससे गज केसरी योग बनेगा। दो शुभ ग्रहों के संयोग खरीदारी को कहीं विशेष बनाएंगे। पांचवें नवरात्र पर भी सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
बाजारों को इंतजार श्राद्धपक्ष में फीकी पड़ी खरीदारी के बाद बाजार भी नवरात्र के इंतजार में हैं। फर्नीचर, ऑटो मोबाइल, इलेक्ट्रोनिक, सोने, चांदी सभी बाजारों में नवरात्र महोत्सव की धूम नजर आने को है।