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जरूरत थी ‘सर्जरी’ की, वो ‘मरहम’ लगा गए

locationकोटाPublished: Feb 10, 2020 06:07:08 pm

Submitted by:

mukesh gour

पत्रिका की खबर के बाद रविवार को दिन भर दौड़ते रहे यूआईटी के अधिकारी : गड्ढों में कहीं गिट्टी भरी, कहीं डामरीकरण किया

जरूरत थी 'सर्जरी' की, वो 'मरहम' लगा गए

जरूरत थी ‘सर्जरी’ की, वो ‘मरहम’ लगा गए

कोटा. नगर विकास न्यास ने शहर में उखड़ी पड़ी सड़कों व गड्ढों को भरने का काम रविवार को शुरू कर दिया। जो सड़कें दो-तीन माह से उखड़ी थीं, उन्हें 12 घण्टे में भर दिया गया। गड्ढे भरने से लोगों की राह आसान हो गई है। बारिश में उखड़ी सड़कों का पेचवर्क का काम करने की अवधि खत्म हुए करीब तीन माह बीत गए हैं, लेकिन अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। जर्जर सड़कों के कारण लोगों को आने-जाने में परेशानी होती थी। लोगों के दर्द को राजस्थान पत्रिका ने रविवार के अंक में प्रमुखता से उठाया। रविवार को अवकाश होने के बावजूद नगर विकास न्यास के अभियंता दिनभर शहर में दौड़ते रहे। कहीं डामर का पेचवर्क किया गया तो कही गिट्टी डालकर सड़कों के गड्ढे भरे गए।
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धारीवाल को बताया हाल, अभियंताओं को गड्ढे दिखाए
हाड़ौती विकास मोर्चा के सम्भागीय अध्यक्ष राजेन्द्र सांखला ने नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल को पत्रिका की खबर की क्लीपिंग भेजकर सड़कों की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित किया। मंत्री तक मामला पहुंचने के बाद न्यास का समूचा तंत्र हरकत में आ गया। सांखला ने न्यास के जेईएन व एईएन को अखबार में खबर प्रकाशित होने के बाद मौके पर बुलाया और उखड़ी सड़कों को दुरुस्त करने को कहा। अधिकारियों ने उनके सामने ही साजीदेहड़ा रोड पर क्षतिग्रस्त सड़क पर डामरीकरण कर दिया, डकनिया रोड विज्ञाननगर मुक्तिधाम के पास, थेगड़ा पुलिया के पास बड़े-बड़े गड्ढों में पत्थर-मलबा भरवा दिया गया। यूआईटी के अधिकारियों ने कहा कि शहर की सभी सड़कों के गड्ढों को भरकर डामरीकरण कर दिया जाएगा।
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चैम्बरों का ढकान करेगा निगम
उधर निगम आयुक्त वासुदेव मालावत ने अधीक्षण अभियंता को दो दिन में शहर में सड़कों पर खुले चैम्बरों का ढकान करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए अभियंताओं को पाबंद किया गया है।
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झेल रहे थे दंश
गौरतलब है कि बरसात के बाद शहर में उखड़ी सड़कों की मरम्मत के नाम पर पेचवर्क कर लीपापोती कर दी गई। जिसके चलते एक माह बाद ही उन सड़कों की हालत और खस्ता हो गई थी। छावनी-रामचन्द्रपुरा में रेलवे पुलिया के नीचे तो बरसात के बाद दो बार पेचवर्क का काम कर दिया, लेकिन इस मार्ग की हालत पहले से भी बदतर है। इसी तरह सड़कों के बीच निकल रहे नालों के ढकान खुल्ले पड़े होने से दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहे हैं।
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