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सरकारी आदेश से न अभिभावक खुश और न स्कूल संचालक

locationकोटाPublished: Nov 21, 2020 06:36:02 pm

Submitted by:

Anil Sharma

– उम्मीदों को झटका, फिर बढ़ी परेशानी

सांगोद. दीपावली बाद से स्कूल खुलने का इंतजार कर रहे अभिभावकों की फिर परेशानी बढ़ गई। शिक्षण संस्थान संचालकों की उम्मीदों को भी झटका लगा। राज्य सरकार के शिक्षण संस्थाओं को 30 नवंबर तक फिर बंद रखने के आदेश के बाद हर तरफ निराशा हाथ लगी है।
पूर्व में अभिभावक एवं शिक्षण संस्थान संचालकों को उम्मीद थी की दीपावली बाद फिर संस्थानों में रौनक शुरू हो जाएगी, लेकिन सरकारी आदेश के बाद सारी उम्मीदें धरी रह गई। निजी स्कूल संचालकों का मानना है कि इस आदेश ने बोर्ड परीक्षा की तैयारियों पर भी संकट आगया है। निजी विद्यालयों के साथ बोर्ड परीक्षा की तैयारी में लगे विद्यार्थियों को भी फिलहाल सरकार के इस आदेश के बाद घर पर ही बोर्ड परीक्षा की तैयारी करनी होगी। पहले सरकार से संकेत मिल रहे थे कि संभवत दीपावली बाद बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले बच्चों को स्कूल जाने की अनुमति मिल जाएगी। ऐसा नहीं हुआ। स्कूल नहीं खुलने से अभिभावक भी पशोपेश में है। शिक्षण सत्र के पांच माह बीत गए, लेकिन अभी तक बच्चों के स्कूल खुलने को लेकर कोई योजना नहीं दिख रही।
नहीं है कोई योजना
निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि बाजार खुल रहे है। शॉपिंग मॉल और थियेटर खुल रहे है। तो स्कूल खोलने में सरकार को दिक्कत क्या है? यह समझ से परे है। सरकार लगातार स्कूल तो बंद कर रही है, लेकिन बच्चों की पढ़ाई की कोई कार्य योजना अभी तक सरकार के पास नहीं है। जिससे लाखों बच्चों का भविष्य अंधकारमय दिख रहा है।

सरकार के आदेश से निजी स्कूल संचालकों को काफी निराशा हाथ लगी है। स्कूल संचालकों को उम्मीद थी कि दीपावली बाद स्कूलों में रौनक होगी लेकिन सारी उम्मीदें धरी रह गई।
रामावतार वर्मा, स्कूल संचालक

बाजार और अन्य संस्थान खुल सकते है तो स्कूल भी खुल सकते हैं, स्कूल संचालक भी बच्चों के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखकर स्कूल संचालित कर सकते है। स्कूल खोलने चाहिए।
कृष्णकुमार गर्ग, निजी स्कूल संचालक

कोचिंग संस्थान बिना किसी स्वीकृति के धड़ल्ले से चल रहे है। जहां भीड़ के रूप में बच्चों की पढ़ाई हो रही है। निजी स्कूल संचालक तो फिर भी गाइड लाइन की पालना करते हुए संस्थान संचालन को तैयार है।
अशरफ बेग, स्कूल संचालक

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