नहीं है कोई योजना
निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि बाजार खुल रहे है। शॉपिंग मॉल और थियेटर खुल रहे है। तो स्कूल खोलने में सरकार को दिक्कत क्या है? यह समझ से परे है। सरकार लगातार स्कूल तो बंद कर रही है, लेकिन बच्चों की पढ़ाई की कोई कार्य योजना अभी तक सरकार के पास नहीं है। जिससे लाखों बच्चों का भविष्य अंधकारमय दिख रहा है।
निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि बाजार खुल रहे है। शॉपिंग मॉल और थियेटर खुल रहे है। तो स्कूल खोलने में सरकार को दिक्कत क्या है? यह समझ से परे है। सरकार लगातार स्कूल तो बंद कर रही है, लेकिन बच्चों की पढ़ाई की कोई कार्य योजना अभी तक सरकार के पास नहीं है। जिससे लाखों बच्चों का भविष्य अंधकारमय दिख रहा है।
सरकार के आदेश से निजी स्कूल संचालकों को काफी निराशा हाथ लगी है। स्कूल संचालकों को उम्मीद थी कि दीपावली बाद स्कूलों में रौनक होगी लेकिन सारी उम्मीदें धरी रह गई।
रामावतार वर्मा, स्कूल संचालक
बाजार और अन्य संस्थान खुल सकते है तो स्कूल भी खुल सकते हैं, स्कूल संचालक भी बच्चों के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखकर स्कूल संचालित कर सकते है। स्कूल खोलने चाहिए।
कृष्णकुमार गर्ग, निजी स्कूल संचालक
कोचिंग संस्थान बिना किसी स्वीकृति के धड़ल्ले से चल रहे है। जहां भीड़ के रूप में बच्चों की पढ़ाई हो रही है। निजी स्कूल संचालक तो फिर भी गाइड लाइन की पालना करते हुए संस्थान संचालन को तैयार है।
अशरफ बेग, स्कूल संचालक