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ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया कि साल की शुरुआत पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी से होगी। इस दिन सफला एकादशी भी है। साथ ही साथ राहु प्रधान स्वाति नक्षत्र है। नया साल मंगलवार को राहु प्रधान नक्षत्र से शुरू हो रहा है और समापन भी मंगलवार को राहु प्रधान नक्षत्र में ही होगा। वर्षभर गुरु वृश्चिक राशि में रहेंगे और साल के अंत में अपनी राशि बदलेंगे। यह भी पढ़ें
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6 अप्रैल को हिंदू नववर्ष शुरू होगा। इस नववर्ष को प्रमाथी नाम संवत्सर के नाम से जाना जाएगा। इसके राजा शनि और मंत्री सूर्य रहेंगे। ग्रहों की स्थिति बताती है कि इससे लोगों को निजी जिंदगी में कई फायदे होंगे, वहीं राष्ट्रीय स्तर पर प्राकृतिक आपदाएं और राष्ट्रों के बीच तनाव पैदा होने की आशंका भी रहेगी।देश की राजनीति में नया मोड़ आएगा। राजनेताओं के बीच आपसी वाद-विवाद से राजनीतिक उथल-पुथल मचने की संभावना है। इसके बावजूद राजस्थान में निरंतर प्रगति करता हुआ देशभर में अपनी विशेष पहचान स्थापित करेगा।केदार योग इस साल 2019 यानि की नये साल के शुभारंभ पर- शुक्र व चंद्रमा के एक साथ रहने से जैमिनी योग एवं सभीग्रहों का चार स्थानों पर रहने के कारण केदार योग बन रहा हैं । इसलिए नये साल की शुरूआत केदार योग के बने संयोग के साथ हो रहा हैं ।
शनि केतु का महासयोंग ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया कि साल 2019 में एक बड़ा महासंयोग भी बन रहा हैं जो इससे पहले सन् 1870 में ऐसा संयोग बना था । इस साल 2019 में शनि और केतु की युति बन रही हैं, जो कि इससे पहले साल 1870 में भी इस प्रकार का संयोग बना था और उस समय भी देश में कई घटनाएं घटित हुई थी जिससे बहुत कुछ परिवर्तन हुआ था । अब यह संयोग यानि की शनि और केतु की युति आगामी साल 2076 में बनेगा ।