दो दिन से पगमार्क नहीं मिलने से ट्रेकिंग में जुटी वन विभाग की टोलियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जंगल घना व लंबा होने से टोलियां सुबह 6 बजे से देर शाम तक अनुमान के आधार पर ही जंगल को छानती रही। रणथंभौर से आई टोली ने पुराने पगमार्क के आधार पर स्थान बदल-बदल कर तीन -चार स्थलों पर कैमरे लगाए, लेकिन इनमें बाघ की कोई गतिविधि कैद नहीं हुई और न ही दो दिन से बाघ की मौजूदगी के कोई संकेत मिले।
– सुल्तानपुर रेंजर रघुवीर मीणा का कहना है कि सोमवार को बाघ के बारे में कोई सूचना नहीं मिली। टीमों की संख्या में इजाफा कर पुराने पगमार्क को आधार मानकर नए सिरे से ट्रेकिंग करवाई जाएगी। ताकि बाघ की वास्तविक लोकेशन मिल सके। इधर, उपवन संरक्षक कोटा जोधराजसिंह हाड़ा ने बताया कि नियमित ट्रेकिंग करवाई जा रही है। संभवत: मण्डावरा से महराना के बीच जंगल में ही बाघ है। यदि वह आगे बढ़ता तो सूचना जरूर मिलती। नदी व जंगल के बीच गुजर रहे खाळ को पॉइंट मानकर तलाश की जाएगी।