scriptकहां स्वच्छ भारत का इरादा: पंचायत ने बनाई कचरागाह, लोगों ने खुले में शौच का स्थल | No one bothers for this Muktidham | Patrika News

कहां स्वच्छ भारत का इरादा: पंचायत ने बनाई कचरागाह, लोगों ने खुले में शौच का स्थल

locationकोटाPublished: Jul 31, 2019 01:03:22 am

Submitted by:

Dhitendra Kumar

मुक्तिधाम के दोनों दाह संस्कार चबूतरे बदहाल हैं। परिसर कंटीली झाडिय़ों व गन्दगी से अटा है। साफ-सफाई हुए वर्षों बीत गए। दाह संस्कार करना यहां टेढ़ी खीर साबित होता है।

kota

चेचट के मुक्तिधाम में उखड़े टीनशेड तथा कचरे में विचरण करते मवेशी व श्वान।

.दुर्दशा का शिकार चेचट मुक्तिधाम

कोटा/चेचट.

मुक्तिधाम को स्वच्छ सुन्दर बनाने, पौधरोपण कर आदर्श स्वरूप देने की कोशिशें ग्राम पंचायतें, सामाजिक संगठन या आमजन सभी करते हैं लेकिन कोटा जिले का चेचट स्थित मुक्तिधाम इस तरह की पहल के मामले में उपेक्षित ही है। ग्राम पंचायत की अनदेखी के चलते चेचट स्थित मुक्तिधाम दुर्दशा का शिकार है। रावतभाटा रोड स्थित मुक्तिधाम के टीनशेड तीन वर्ष उखड़े हुए हैं। बारिश के दिनों में अन्तिम संस्कार करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
मुक्तिधाम के दोनों दाह संस्कार चबूतरे बदहाल हैं। परिसर कंटीली झाडिय़ों व गन्दगी से अटा है। साफ-सफाई हुए वर्षों बीत गए। दाह संस्कार करना यहां टेढ़ी खीर साबित होता है।
करीब तेरह वर्ष पूर्व यहां जनसहयोग से दो चबूतरे मय तीन शेड बनाए गए थे। इसी दौरान चारदीवारी का निर्माण भी हुआ। एक सामाजिक संगठन ने रखरखाव व देखरेख का जिम्मा लिया था। संगठन कार्यकर्ता प्रात: मुक्तिधाम में श्रमदान करते देखे भी गए। उन्होंने पेड़-पौधे विकसित किए। इस बीच कुछ लोगों ने विरोध शुरू किया तो संगठन ने कार्य करना बन्द कर दिया। उसके बाद से यहां किसी ने सुध नहीं ली।
कचरागाह बन गया परिसर
ग्राम पंचायत की अनदेखी के चलते अब हालत यह कि सफाई कर्मचारी कस्बे का एकत्र कचरा मुक्तिधाम परिसर में ढेर कर रहे हैं। इससे मुक्तिधाम में मवेशी विचरण करते रहते हैं। कई लोग मुक्तिधाम परिसर को ‘खुले में शौचÓ स्थल के रूप में काम में ले रहे हैं।
चारदीवारी ढही
मुक्तिधाम की करीब 100 फीट चारदीवारी ढहे एक वर्ष बीत गया लेकिन उसकी किसी ने सुध नहीं ली। गत वर्ष ताकली नदी में आए उफान में यह चारदीवारी ढही थी। एक भामाशाह ने मुक्तिधाम में बैठने के लिए एक लाख रुपए की बैंचें लगवाई थी। इहें भी सीसी रोड निर्माण के दौरान ठेकेदार ने दबा दी। अब इनका कोई उपयोग नहीं हो रहा।
क्या कहते हैं जिम्मेदार

मामले में पत्रिकाडॉटकॉम ने जब जिम्मेदारों से बात की तो पूर्व सरपंच और अभी उपसरपंच का पद संभाल रहे मनोज कोली ने बताया कि उनके कार्यकाल में मुक्तिधाम में विकास कार्य के लिए मनरेगा के तहत 13 लाख रुपए की स्वीकृति मिली थी लेकिन भुगतान नहीं होने से ठेकेदार कार्य छोड़कर भाग गया।
इस बारे में वर्तमान सरपंच अमित नावरिया कहते हैं कि मुक्तिधाम के लिए पंचायत के इस कार्यकाल में कोई बजट नहीं आया है। ग्राम पंचायत में इसका प्रस्ताव लिया हुआ है लेकिन विकास अधिकारी द्वारा प्रस्ताव का अनुमोदन नहीं करने से स्वीकृति नहीं आई। सफाई कर्मचारियों को पाबंद कर दिया जाएगा कि यहां कचरा नहीं डालें।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो