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कोटा

नहीं भाती सफाईकर्मियों को ये गलियां…. आखिर क्या है माजरा। जानने के लिए पढि़ए ये खबर….

शहर से सटी इस कॉलोनी के बदत्तर है हालात….

कोटाMay 16, 2019 / 01:00 am

Anil Sharma

kota

कोटा जंक्शन स्थित सरस्वती कॉलोनी की गली नंबर आठ में गंदगी से अटी पड़ी नाली।

कोटा. रेलवे स्टेशन के उस पार। रंगपुर रोड पर भदाना से सटी सरस्वती कॉलोनी। इन गलियों में सफाई करने आना कर्मचारियों की शान के खिलाफ है। तभी तो यहां नालियां गंदगी से अटी पड़ी है। यूं कहे की कीचड़ के कारण नाली नजर ही नहीं आती तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। कर्मचारियों को इन गलियों में सफाई करने से परहेज है। वे यहां सफाई करने पिछली बार कब आए थे, शायद ही उन्हें याद हो। निरीक्षक को पता ही नहीं होगा की सरस्वती कॉलोनी की इन गलियों में भी लोग रहते हैं। तभी तो वे यहां आकर कभी देखते ही नहीं। अधिकारियों को तो कहना ही क्या, वे दफ्तर से बाहर निकलते ही नहीं शायद। तो फिर यहां रहने वाले लोगों की सुनवाई कहां होगी।
सरस्वती कॉलोनी में सफाई के नाम पर लीपापोती की जा रही है। नगर निगम अधिकारियों के यहां निरीक्षण करने नहीं आने से सफाईकर्मियों की पौ-बारह है। वे सुबह के समय मुख्य सड़क पर झाड़ू लगाकर अपने कार्य की इतिश्री कर लेते हैं। एेसे में गलियों में सफाई के लिए निजी सफाईकर्मी लगानी पड़ती है जो मनमाने रुपए लेते हैं। जिन घरों से रुपए मिलते हैं, उनके सामने ही झाड़ू लगाती है। हालांकि गलियों में सफाई कार्य के लिए सरकारी सफाईकर्मी नियुक्त है, लेकिन वे यहां नहीं आते।
गंदगी से अटी पड़ी है नालियां
कॉलोनी की गलियों के हालात बदतर हैं। निजी सफाईकर्मी झाडू तो लगा देते हैं, लेकिन नालियों की सफाई नहीं होती। स्थानीय बाशिंदों ने बताया कि सेक्टर कार्यालय पर शिकायत करने पर महीने में एकाध बार सफाई होती है। ज्यादा कहने पर सफाईकर्मियों की कमी का बहाना सुनने को मिलता है। नालियां गंदगी से अटी पड़ी है और सीवरेज का कीचड़ सड़क पर फैला रहता है।
पनप रहे मच्छर
गंदगी व कीचड़ के चलते इन गलियों में मच्छरों की भरमार है। मच्छरों के कारण बीमारियां फैलने की आशंका रहती है।

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