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नो व्हीकल डे: एक दिन भी पैदल नहीं चल सके अधिकारी, गाडिय़ों से नहीं छूटा मोह

no vehicle day अधिकारी को एक दिन बिना कार ही दफ्तर बुलाने की परिवहन विभाग की मंशा कारगर साबित नहीं हो सकी।

कोटाFeb 17, 2020 / 06:21 pm

Suraksha Rajora

नो व्हीकल डे: एक दिन भी पैदल नहीं चल सके अधिकारी, गाडिय़ों से नहीं छूटा मोह

कोटा. अधिकारी को एक दिन बिना कार ही दफ्तर बुलाने की परिवहन विभाग की मंशा कारगर साबित नहीं हो सकी। सार्वजनिक परिवहन सेवा को बढ़ावा देने और वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए आमजन को प्रेरित करने के इरादे से परिवहन विभाग ने सभी विभागों के अफसरों को एक दिन बिना सरकारी वाहन के दफ्तर आने के निर्देश दिए थे, लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अलावा किसी भी सरकारी दफ्तर में इसकी पालना सुनिश्चित नहीं हो सकी।
परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने नवंबर 2019 में सभी सरकारी महकमों में नो व्हीकल डे मनाने का प्रस्ताव रखा था। 30 दिसंबर 2019 को इस बाबत सभी विभागों को निर्देश भी जारी कर दिए गए, लेकिन जब बात पालना की आई तो मंत्री की मंशा उनके विभाग तक ही सिमट कर रह गई।

कार से नहीं कर सके इनकार
परिवहन विभाग की ओर से जारी किए गए निर्देशों के मुताबिक महीने की पहली तारीख को सभी सरकारी दफ्तरों में नो व्हीकल डे मनाया जाना था। इस दिन सभी सरकारी विभागों के अफसरों और कर्मचारियों को साइकिल, पैदल या फिर सार्वजनिक परिवहन सेवा के जरिए ही दफ्तर आना था। निजी कार के भी इस्तेमाल की मनाही थी।
आदेश जारी होने के बाद प्रादेशिक परिवहन अधिकारी से लेकर संयुक्त प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, जिला परिवहन अधिकारी और कर्मचारी ही जनवरी और फरवरी माह में इस आदेश की पालना करते नजर आए। पालना की बात तो दूर बाकी विभागों ने तो इस बाबत चर्चा तक नहीं की। हालांकि परिवहन विभाग ने कानून और आवश्यक सेवाओं से जुड़ी फील्ड ड्यूटी करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इस आदेश से बाहर रखा था।
दखानी थी जमीनी हकीकत
राज्य सरकार ने नो व्हीकल डे लागू करने के पीछे दफ्तरों की चारदीवारी के भीतर ही सिमटे रहने वाले अफसरों एवं कर्मचारियों को जमीनी हकीकत दिखाने के इरादे से इस आयोजन की शुरुआत की थी।
इसके साथ ही सार्वजनिक परिवहन सेवा का इस्तेमाल कर लोगों की समस्याएं जानने और पैदल या साइकिल से आकर तंदरुस्ती के साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए आम जन को वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रेरित करने की मंशा थी, लेकिन बीते दो महीनों की कवायद के बावजूद यह परवान नहीं चढ़ सकी।

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