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सुनता ही नहीं, कुछ कहता भी है ‘कान’

locationकोटाPublished: Mar 03, 2020 02:27:23 am

Submitted by:

mukesh gour

विश्व श्रवण दिवस पर विशेष

सुनता ही नहीं, कुछ कहता भी है 'कान'

सुनता ही नहीं, कुछ कहता भी है ‘कान’

कोटा. विश्व श्रवण दिवस यानी वल्‍र्ड हियरिंग-डे हर साल तीन मार्च को मनाया जाता है। देश में हर साल पैदा होने वाले 27 हजार से अधिक शिशुओं में बहरेपन की शिकायत रहती है। इसके चलते उनका विकास अवरुद्ध हो जाता है। इनकी पहचान अगर आरंभ में हो जाए तो इलाज में आसानी होती है। इसके लिए यूनिवर्सल न्यूबॉर्न हियरिंग स्क्रीनिंग (यूएनएसएस) से नवजात शिशुओं में श्रवण शक्ति की पहचान आसानी से की जा सकती है। बस इसके लिए माता-पिता को जागरूक होने की जरूरत है।
ईएनटी विशेषज्ञ एवं सर्जन डॉ. कौशल माहेश्वरी ने बताया कि दुनियाभर में लगभग 36 करोड़ लोग सुन नहीं सकते। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 50 लाख से ज्यादा आबादी बहरेपन की समस्या से पीडि़त है। विश्व की करीब 5 फ ीसदी आबादी सुनने से लाचार है। माता-पिता व परिजनों को बच्चों की श्रवण शक्ति कम होने से संबंधित तकलीफ ों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कोक्लियर इंप्लांट एक व्यक्ति को खामोशी से आवाज की दुनिया में ले जाता है। यह जीवन को बदलने वाला क्षण है। कई विकसित देशों में हर नवजात शिशु के लिए हियरिंग स्क्रीनिंग कराई जाती है। भारत को भी यूनिवर्सल न्यू बॉर्न हियरिंग स्क्रीनिंग को अनिवार्य बनाने पर विचार करना चाहिए।
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इन बातों का रखें ध्यान
स्वयं कान की सफ ाई न करें, यदि कान बंद है तो चिकित्सक को दिखाएं, तेज आवाजों जैसे लाउड स्पीकर, तेज हॉर्न से बचें, इयरफोन का इस्तेमाल लंबी बातचीत के लिए या अत्यधिक तेज संगीत सुनने के लिए न करें, बच्चों में लंबी अवधि के लिए रहने वाले जुकाम या नाक की एलर्जी को नजरअंदाज न करें।

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