क्या बदलेगा नीट-2020 का परीक्षा पैटर्न?
नेशनल मेडिकल कमीशन ने वर्ष-2020 में एकमात्र नीट के आयोजन का निर्णय तो ले लिया है किंतु क्या एम्स एवं जिप्मेर के परीक्षा पैटर्न के कुछ अंशों को नीट-2020 में शामिल कर नीट प्रवेश परीक्षा पैटर्न में कोई परिवर्तन किया जाएगा जो कि निश्चित तौर पर आवश्यक है। मोटे तौर पर देखा जाए तो एम्स में दो प्रकार के प्रश्न पूछें हैं,वस्तुनिष्ठ तथा असर्शन एवं रीजन। प्रश्नों की संख्या की दृष्टि से देखा जाए तो एम्स एवं जिप्मेर दोनों में ही 200 प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रश्नों की संख्या 180 होती है तथा परीक्षा अंतराल 3 घंटे का होता है। नीट का आयोजन अंग्रेजी हिंदी एवं उर्दू सहित कुल 11 भाषाओं में किया जाता है। देव शर्मा ने बताया कि निश्चित तौर पर सामंजस्य स्थापित करने के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को जोकि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट का आयोजन करती है, नीट-2020 के आयोजन के लिए परीक्षा पैटर्न के बारे में निश्चित तौर पर सोचना होगा।
नेशनल मेडिकल कमीशन ने वर्ष-2020 में एकमात्र नीट के आयोजन का निर्णय तो ले लिया है किंतु क्या एम्स एवं जिप्मेर के परीक्षा पैटर्न के कुछ अंशों को नीट-2020 में शामिल कर नीट प्रवेश परीक्षा पैटर्न में कोई परिवर्तन किया जाएगा जो कि निश्चित तौर पर आवश्यक है। मोटे तौर पर देखा जाए तो एम्स में दो प्रकार के प्रश्न पूछें हैं,वस्तुनिष्ठ तथा असर्शन एवं रीजन। प्रश्नों की संख्या की दृष्टि से देखा जाए तो एम्स एवं जिप्मेर दोनों में ही 200 प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रश्नों की संख्या 180 होती है तथा परीक्षा अंतराल 3 घंटे का होता है। नीट का आयोजन अंग्रेजी हिंदी एवं उर्दू सहित कुल 11 भाषाओं में किया जाता है। देव शर्मा ने बताया कि निश्चित तौर पर सामंजस्य स्थापित करने के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को जोकि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट का आयोजन करती है, नीट-2020 के आयोजन के लिए परीक्षा पैटर्न के बारे में निश्चित तौर पर सोचना होगा।