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कोटा के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अर्जुनसिंह राठौड़ ने बताया कि केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय के निर्देश पर राजस्थान समेत देशभर में इस व्यवस्था को जीपीएस आधारित बनाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। प्रोजेक्ट के पहले चरण के तहत दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे समेत नए राष्ट्रीय राजमार्गों पर इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा। इसके लिए भविष्य में रजिस्टर्ड होने वाले नए चौपहिया निजी एवं व्यावसायिक वाहनों की नंबर प्लेट रजिस्ट्रेशन के साथ वाहन मालिकों के बैंक खाते भी अटैच किए जाएंगे। इससे सीधे वाहन चालक के खाते से रुपए कट जाएंगे। वाहन जब राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलेंगे तो टोल प्लाजा पर बैरियर पर रुकने की बजाय यहां लगे विशेष कैमरे वाहन की ऑटोमेटिक नंबर प्लेट से नंबर स्कैन कर लेंगे और शुल्क ऑटोमैटिक संबंधित बैंक खाते से डेबिट कर लेंगे।
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चार चरणों में लागू करने की तैयारी
पहले चरण में परिवहन विभाग नए रजिस्टर्ड होने वाले वाहनों में ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन सिस्टम की टैंगिंग के लिए डिजिटल चिप को हाई सिक्योरिटी प्लेट पर स्थापित करेगा। इस चिप पर वाहन मालिक के बैंक खाते की जानकारी होगी। इसे केवल ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन सिस्टम का कैमरा स्कैन कर पाएगा। दूसरे चरण में स्टेट हाईवे को शामिल किया जाएगा। तीसरे व चौथे चरण में पुराने, निजी एवं व्यावसायिक वाहनों की नंबर प्लेट को ऑटोमेटिक नंबर प्लेट से बदला जाएगा।