अभयारण्य के अधिकारियों की माने तो इसकी ऊचाई 30 फीट है। यह लोहे का बना हुआ है। इसे बनाने का उद्देश्य यह है कि उक्त टावर पर खड़े रहकर चम्बल व पूरी अभयारण्य का नाराज देख सकें। यहां से आमजन प्लांट का नाजारा भी देख सकते हैं।
लगाएंगे साइन बोर्ड
अभयारण्य के अधिकारयों का कहना है कि वॉच टावर तक पहुंचने के लिए साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। करीब 15 से 20 लकड़ी के विशेष साइन बोर्ड तैयार कराए हैं। इन्हें पेड़ों पर लटकाया जाएगा, जिससे पर्यटक यहां पर आसानी से पहुंच सकें। जहां-जहां पर रास्ता उबड़ खाबड़ व गड्ढे हैं। वहां के रास्ते को सही कराया जाएगा। आवश्यकता पडऩे पर ग्रेवल भी डलवाई जाएगी।
मंगवाई जाएंगी नई दूरबीन
वर्तमान में अभयारण्य में दो दूरबीन है। दो से तीन दूरबीन अलग से मंगवाई जाएगी। यदि कोई पर्यटक दूरबीन मांगेगा तो उसे उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे वह अभयारण्य का नजारा देख सकें।
यहां भी कम जाते हैं पर्यटक
रिलोकेशन सेन्टर के अन्दर डेम व्यू वॉच टावर भी बना हुआ है। इस पाइंट पर खड़े रहकर राणा प्रताप सागर बांध का नाराज देखा जा सकते हैं लेकिन जानकारी नहीं होने पर उक्त पाइंट पर भी लोग कम ही पहुंच पाते हैं, जबकि यह रिलोकेशन सेन्टर से ज्यादा दूरी पर भी नहीं है। साइन बोर्ड लगने के बाद इस टावर पर भी ज्यादा से ज्यादा पर्यटक पहुंचेंगे।
औसतन 100 पर्यटक आते हैं
भैंसरोडगढ़ रिलोकेशन सेन्टर के अन्दर प्रतिमाह औसतन 100 पर्यटक आते हैं। यदि आंकड़ों पर नजर डाले तो 90 पर्यटक अगस्त, 87 सितम्बर, 50 अक्टूबर व 120 पर्यटक नवम्बर में आते हैं। यहां पर सर्दियों में ज्यादा पर्यटक आते हंै।
कराएंगे रास्ता सही
वर्जन न्यूलीयर पावर प्लांट वॉच टावर तक आने जाने का रास्ता सही कराया जाएगा। इसके अलावा साइन बोर्ड तैयार कराए हैं, जिन्हें जगह-जगह पर लगवाया जाएगा।
दिनेश नाथ, क्षेत्रीय वन अधिकारी, भैंसरोडगढ़ वन्य जीव अभयारण्य