तीन अप्रेल की रात को एसीबी द्वारा जेलर बत्तीलाल मीणा व दलाल राजू और इमरान को बंदियों के परिजनों से अवैध वसूली मामले में पकड़े जाने के बाद से जेल में चल रहे वसूली के खेल का लगातार पर्दाफाश हो रहा है। जेल प्रशासन की मिलीभगत से बंदियों द्वारा जेल में मोबाइल से लेकर जर्दा और अन्य सुविधाओं का जमकर उपयोग करने की खबरें लगातार आ रही हैं। जेल की हकीकत जानने के लिए बुधवार शाम करीब 5.20 बजे जिला कलक्टर डॉ. रवि कुमार सुरपुर, शहर पुलिस अधीक्षक सवाई सिंह गोदारा, उप अधीक्षक शिव भगवान गोदारा, नयापुरा, रेलवे कॉलोनी, भीमगंजमंडी और कुन्हाड़ी थानाधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में आरएसी जवान व पुलिस कर्मियों के साथ जेल पहुंचे। सभी बैरकों से लेकर जेल का चप्पा-चप्पा छाना।
खुलासाः कोटा सेंट्रल जेल के सारे अफसर कर रहे वसूली
दो घंटे निरीक्षण के बाद शाम 7.20 बजे करीब अधिकारी जेल से बाहर निकले। जिला कलक्टर सुरपुर ने बताया कि जेल में निरीक्षण में बंदियों के पास न तो मोबाइल मिले और न ही जर्दा या मादक पदार्थ मिला। बंदियों ने खाने को लेकर शिकायत की है, जिसे सुधारने, जैमर की वर्किंग और सीसीटीवी की नियमित मॉनिटरिंग भी करने के निर्देश दिए।
जेल प्रशासन ने ही गायब किए थे बंदियों के मोबाइल उन्होंने बताया कि जेल में क्षमता से डेढ़ गुना बंदी हैं। यहां एक तिहाई से ज्यादा बार्डर के पद रिक्त हैं, जिन्हें भरने के लिए सरकार को लिखा जाएगा। जेल अधीक्षक को भी निर्देश दिए हैं कि जिन बार्डर की शिकायतें हैं या जो लम्बे समय से एक ही जगह पर ड्यूटी कर रहे हैं उन्हें रोटेशन के आधार पर लगाने के निर्देश दिए हैं। कलक्टर ने बताया कि एसीबी की कार्यवाही के बाद से जिला प्रशासन ने सतर्कता बढ़ाई है। इस तरह का निरीक्षण भविष्य में भी जारी रहेंगे। जेल अधीक्षक सुधीर प्रकाश पूनिया ने बताया कि जिला कलक्टर के निर्देशों की पालना की जाएगी और कमियों को सुधारा जाएगा।