सरकारी गाइडलाइन की अवहेलना
सरकार की गाइड लाइन में एक निश्चित राशि से ज्यादा का निर्माण कार्य करवाने पर निविदा प्रक्रिया आमंत्रित करने का प्रावधान है। पारदर्शिता बरतने के लिए इस तरह की प्रक्रिया को अमल में लाया जाता है। निविदा की सारी प्रक्रिया ऑफ लाइन होने के कारण संबंधित अधिकारी पर यह निर्भर रहता है कि वह किसी कार्य की प्रति संवेदक को दे और किसको नहीं। अधिकारी इसका फायदा उठाकर अपने चहेतों को उपकृत्त करने का प्रयास करते है। 16 लाख के निर्माण कार्य की टेन्डर कॉपी इसी कारण विभाग से रजिस्टर्ड संवेदक को नहीं दी गई।
सरकार की गाइड लाइन में एक निश्चित राशि से ज्यादा का निर्माण कार्य करवाने पर निविदा प्रक्रिया आमंत्रित करने का प्रावधान है। पारदर्शिता बरतने के लिए इस तरह की प्रक्रिया को अमल में लाया जाता है। निविदा की सारी प्रक्रिया ऑफ लाइन होने के कारण संबंधित अधिकारी पर यह निर्भर रहता है कि वह किसी कार्य की प्रति संवेदक को दे और किसको नहीं। अधिकारी इसका फायदा उठाकर अपने चहेतों को उपकृत्त करने का प्रयास करते है। 16 लाख के निर्माण कार्य की टेन्डर कॉपी इसी कारण विभाग से रजिस्टर्ड संवेदक को नहीं दी गई।
यहां होने है कार्य
नगर में उपजिला कलक्टर कार्यालय की मरम्मत के लिए 4 लाख 73 हजार, उप जिला कलक्टर आवासमरम्मत कार्य के लिए 1 लाख 54 हजार, जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय केअधूरे निर्माण कार्य के लिए 4 लाख 90 हजार, रामगंजमंडी की डी एल पी व नोनडी एल पी सड़क मरम्मत के लिए 4 लाख 90 हजार रुपए की राशि के कार्य होने प्रस्तावित है।
नगर में उपजिला कलक्टर कार्यालय की मरम्मत के लिए 4 लाख 73 हजार, उप जिला कलक्टर आवासमरम्मत कार्य के लिए 1 लाख 54 हजार, जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय केअधूरे निर्माण कार्य के लिए 4 लाख 90 हजार, रामगंजमंडी की डी एल पी व नोनडी एल पी सड़क मरम्मत के लिए 4 लाख 90 हजार रुपए की राशि के कार्य होने प्रस्तावित है।
पहले से ही कर रहा है निर्माण कार्य
फर्म गौरव कंट्रेक्शन के प्रतिनिधि ने इसकी सूचना राजस्थान पत्रिका संवाददाता को दी। इस पर संवाददाता ने अधिशाषी अभियंता से फोन पर वार्ता कर निविदा कॉपी नहीं देने की बात कही। बदले में उन्होंने संबंधित संवेदक को उनके पास भेजने की बात कही। इस पर संवेदक दुबारा वहां पहुंचा, फिर भी उसे निविदा की प्रति नहीं सौपी। अंतत: जब पत्रिका संवाददाता ने अधिशाषी अभियंता से पूछा आखिर मामला क्या है। तब उन्होंने कहा कि वहां पहले से ही निर्माण कार्य चल रहा है। ऐसे में उसी संवेदक को पुन: ठेका दे दिया है। वह अच्छा कार्य करेंगा। इस भावना को ध्यान में रखकर उसे निविदा कॉपी दी गई। नए संवेदक को इस कारण कॉपी नहीं दी।
फर्म गौरव कंट्रेक्शन के प्रतिनिधि ने इसकी सूचना राजस्थान पत्रिका संवाददाता को दी। इस पर संवाददाता ने अधिशाषी अभियंता से फोन पर वार्ता कर निविदा कॉपी नहीं देने की बात कही। बदले में उन्होंने संबंधित संवेदक को उनके पास भेजने की बात कही। इस पर संवेदक दुबारा वहां पहुंचा, फिर भी उसे निविदा की प्रति नहीं सौपी। अंतत: जब पत्रिका संवाददाता ने अधिशाषी अभियंता से पूछा आखिर मामला क्या है। तब उन्होंने कहा कि वहां पहले से ही निर्माण कार्य चल रहा है। ऐसे में उसी संवेदक को पुन: ठेका दे दिया है। वह अच्छा कार्य करेंगा। इस भावना को ध्यान में रखकर उसे निविदा कॉपी दी गई। नए संवेदक को इस कारण कॉपी नहीं दी।