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कोचिंग सिटी में होगा चमत्कार, डेढ़ लाख बच्चे बैठेंगे 282 बाल वाहिनी में …

kota news Education News स्कूलों को देना होगा हर एक बच्चे के आने-जाने का रिकॉर्ड, निजी टैक्सियों को भी मानने होंगे कानून

कोटाJun 28, 2019 / 07:48 pm

Suraksha Rajora

कोचिंग सिटी में होगा चमत्कार, डेढ़ लाख बच्चे बैठेंगे 282 बाल वाहिनी में …


कोटा. स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर सरकार ने सख्त कदम उठाया है। अब स्कूलों को हर बच्चे (children) के आने-जाने का हिसाब रखना होगा। बाल वाहिनी का लाइसेंस (license) लेकर सड़क पर दौड़ रहे दस साल पुराने वाहनों का परमिट रद्द होगा, वहीं बिना लाइसेंस के स्कूली बच्चों का परिवहन कर रही प्राइवेट टैक्सियों और ऑटो को भी बाल वाहिनी के लिए तय मानकों की पालना करनी होगी। परिवहन विभाग सभी वाहनों को नियमित कसौटी पर कसेगा।

जो खरे नहीं उतरेंगे, उनको सीज किया जाएगा। कोटा के करीब 464 स्कूलों में पौने दो लाख से ज्यादा बच्चे अध्यनरत हैं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 54 स्कूलों में ही बच्चों की संख्या 85 हजार से ज्यादा है, लेकिन इन बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने के लिए सिर्फ 282 वाहनों ने ही बाल वाहिनी का परमिट हासिल किया है।

परिवहन मंत्री (Transport minister) प्रताप सिंह खाचरियावास सूबे के स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर जब समीक्षा करने बैठे तो इन आंकड़ों को देख भौचक रह गए। उन्होंने आनन-फानन में पूरे प्रदेश के परिवहन अधिकारियों (State Transport Authority) को सभी स्कूल प्रबंधकों से हर एक बच्चे के स्कूल आने-जाने का रिकॉर्ड तत्काल तलब करने का आदेश जारी कर दिया, ताकि बाल वाहिनियों के नाम पर चल रहे कंडम और अवैध वाहनों पर शिकंजा कसा जा सके।
करनी होगी भौतिक जांच
परिवहन मंत्री ने सभी बाल वाहिनियों की भौतिक जांच करने का आदेश दिया है। स्कूल व्हीकल (School vehicle) के लिए तय मानकों पर खरा न उतरने वाली बाल वाहिनियों का परमिट तत्काल निलंबित (suspended) करने के साथ ही दस साल से पुरानी बसों और वैन आदि वाहनों को दिए गए बाल वाहिनी के परमिट भी रद्द कर दिए जाएंगे।
 

इतना ही नहीं स्कूली बच्चों का परिवहन कर रहीं प्राइवेट टैक्सियों और ऑटो आदि को भी बाल वाहिनी के लिए तय मानकों की पालना करनी होगी। मानकों का उल्लंघन करने पर उन्हें सीज कर दिया जाएगा।बताना होगा वाहन नंबर अब सभी स्कूलों को हर एक बच्चे के आवागमन का रिकॉर्ड रखना होगा। कितने बच्चे बाल वाहिनी से आ रहे हैं, कितने प्राइवेट टैक्सियों और ऑटो से आ रहे हैं और कितने अपने व्यक्तिगत वाहनों, साइकिल और बाइक आदि से आते हैं, इसकी जानकारी परिवहन विभाग को उपलब्ध करानी होगी। बच्चों के नाम, उम्र और क्लास के साथ-साथ वाहन संख्या भी दर्ज करनी होगी।
नियमित होगी जांच
आरटीओ राठौड़ ने बताया कि इसी महीने विशेष अभियान चलाकर सभी स्कूली वाहनों की भौतिक जांच की जाएगी। अभियान पूरा होने के बाद भी स्कूली वाहनों की सुरक्षा जांचने के लिए नियमित तौर पर औचक निरीक्षण किया जाएगा, ताकि बच्चों की सुरक्षा ( safety )से कोई खिलवाड़ न हो सके।

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