scriptजेईई एडवांस्ड में चयन के लिए ‘सफलता का गणित’ समझना होगा | One has to understand 'Mathematics of Success' for selection in JEE | Patrika News

जेईई एडवांस्ड में चयन के लिए ‘सफलता का गणित’ समझना होगा

locationकोटाPublished: Aug 19, 2022 01:05:24 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

प्रतिष्ठित आईआईटी संस्थानों की बी-टेक, इंटीग्रेटेड-एमटेक व डुएल-डिग्री पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए जेईई एडवांस्ड प्रवेश परीक्षा का आयोजन 28 अगस्त को किया जाएगा। लगभग 1.5 लाख विद्यार्थी इस प्रवेश परीक्षा के दोनों प्रश्नपत्रों में सम्मिलित होंगे, लेकिन विद्यार्थियों को ‘सफलता का गणित’ समझना होगा। नीट-यूजी, जेईई मेन प्रवेश परीक्षाओं की भांति जेईई एडवांस्ड प्रवेश परीक्षा का परीक्षा पैटर्न परीक्षा पूर्व घोषित नहीं किया जाता है।
 

जेईई एडवांस्ड में चयन के लिए 'सफलता का गणित' समझना होगा

जेईई एडवांस्ड में चयन के लिए ‘सफलता का गणित’ समझना होगा

प्रतिष्ठित आईआईटी संस्थानों की बी-टेक, इंटीग्रेटेड-एमटेक व डुएल-डिग्री पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए जेईई एडवांस्ड प्रवेश परीक्षा का आयोजन 28 अगस्त को किया जाएगा। लगभग 1.5 लाख विद्यार्थी इस प्रवेश परीक्षा के दोनों प्रश्नपत्रों में सम्मिलित होंगे, लेकिन विद्यार्थियों को ‘सफलता का गणित’ समझना होगा।एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि नीट-यूजी, जेईई मेन प्रवेश परीक्षाओं की भांति जेईई एडवांस्ड प्रवेश परीक्षा का परीक्षा पैटर्न परीक्षा पूर्व घोषित नहीं किया जाता है। प्रश्न पत्र में प्रश्नों की संख्या, मार्किंग पैटर्न, पूर्णांक इत्यादि किसी की भी जानकारी परीक्षा पूर्व जारी नहीं की जाती।
ऐसी स्थिति में सफल होने के लिए विद्यार्थी की सजगता, मानसिक-दृढ़ता, परिस्थिति अनुसार निर्णय लेने की क्षमता महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। प्रवेश परीक्षा में सभी प्रश्नों को हल करने की प्रवृत्ति घातक सिद्ध हो सकती है, किन प्रश्नों को हल करना है और किन प्रश्नों को नहीं, यह चयन अत्यंत महत्वपूर्ण है। ज्वाइंट इंप्लीमेंटेशन कमेटी की पिछले 3 वर्षों की रिपोर्ट के आंकड़ों का विश्लेषण किया जाए तो ज्ञात होता है कि लगभग 30 प्रतिशत अंक हासिल करने पर विद्यार्थी को आईआईटी-संस्थानों में प्रवेश मिल जाता है। आईआईटी-संस्थानों में बीटेक, इंटीग्रेटेड-एमटेक, डुएल-डिग्री पाठ्यक्रमों की लगभग 16 हजार सीटें हैं। कामन रैंक लिस्ट सीआरएल में प्रथम 16 हजार में स्थान प्राप्त करने के लिए कितने अंक लाने की आवश्यकता है। इसकी जानकारी नीचे दिए गए आंकड़ों से प्राप्त हो सकती हैं।
क्या कहते है पिछले 3 वर्षों के आंकड़े

प्रथम रैंक से 16 हजार रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के अंक- वर्ष 2021

पूर्णांक 360- प्रथम रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी के अंक 348/360 अंक, प्रतिशत: 96.66
16001 रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी के अंक 91/360 अंक, प्रतिशत: 25.27

वर्ष 2020

पूर्णांक-396- प्रथम रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी के अंक 352 /396 अंक,प्रतिशत: 88.88

16001 रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी के अंक 98/396 अंक, प्रतिशत: 24.74
वर्ष 2019- पूर्णांक- 372

प्रथम रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी के अंक 346/372 अंक, प्रतिशत:93- 16001 रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी के अंक 113/372 अंक, प्रतिशत:30.37

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