पूराने मिलाकर कुल 158 आवेदन शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस सत्र में मात्र 29 स्कूलों के आवेदन आए हैं। जबकि 128 स्कूलों के गत वर्ष के आवेदनों को शामिल किया गया गया है। इससे वर्तमान में पोर्टल पर कुल 158 स्कूलों के आवेदन हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 30 सितंबर थी।
पहले भेजते हैं आइडिया इस अवार्ड की जानकारी पूर्व में सभी स्कूलों के संस्था प्रधानों को भेज दी गई थी। योजना के तहत प्रत्येक सरकारी व निजी स्कूलों में अध्ययनरत दो-दो बच्चों को मॉडल तैयार करने के आइडिया विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के पोर्टल पर अपलोड करने पड़ते हैं। आइडिया स्वीकृत होने पर प्रत्येक बच्चे को पांच-पांच हजार रुपए भेजे जाते हैं, जिससे मॉडल तैयार करके जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में दिखाना पड़ता है।
पांच साल में आवेदन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि योजना के तहत प्रत्येक स्कूल को पांच साल में मात्र एक बार आवेदन करना होता है। आवेदन एक बार स्वीकृत होने के बाद उक्त स्कूल पांच साल तक पुन: आवेदन नहीं कर सकता है। साथ ही सभी आवेदन भी स्वीकृत नहीं होते हैं। गत वर्ष भी 146 स्कूलों ने आवेदन किया था। इसमें से मात्र 18 आवेदन ही स्वीकृत हुए।
संस्था प्रधान समझे जिम्मेदारी एडीपीसी रमसा के रामप्रसाद बैरवा ने बताया कि इंस्पायर अवार्ड के तहत आवेदन कम हुए हैं, जबकि निजी व सरकारी स्कूलों के आवेदन करने के लिए सूचना भिजवा दी थी। संस्था प्रधानों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।