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सिर्फ दो ‘महारथीÓ…कैसे जीतेंगे ‘ शीत का युद्धÓ

locationकोटाPublished: Nov 01, 2021 01:15:17 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

बाजार से घर तक खाने के जो उत्पाद हम लेकर आते हैं, उनमें कुछ मिलावटी उत्पादों के जरिए हानिकारक तत्व हमारे शरीर में जाते हैैं और कई गंभीर बीमारियों को जन्म देते हैं। दीपावली व त्योहारी सीजन में सरकार शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाकर सख्ती तो दिखाती है, लेकिन जमीनी स्तर पर इस कार्य को अंजाम देने वाली खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की पर्याप्त टीम नहीं है।
 

सिर्फ दो 'महारथीÓ...कैसे जीतेंगे ' शीत का युद्धÓ

सिर्फ दो ‘महारथीÓ…कैसे जीतेंगे ‘ शीत का युद्धÓ

कोटा. बाजार से घर तक खाने के जो उत्पाद हम लेकर आते हैं, उनमें कुछ मिलावटी उत्पादों के जरिए हानिकारक तत्व हमारे शरीर में जाते हैैं और कई गंभीर बीमारियों को जन्म देते हैं। दीपावली व त्योहारी सीजन में सरकार शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाकर सख्ती तो दिखाती है, लेकिन जमीनी स्तर पर इस कार्य को अंजाम देने वाली खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की पर्याप्त टीम नहीं है।
कोटा की बात करें तो दो खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के भरोसे पूरा जिला है। दीपावली व अन्य त्योहारों पर मिलावटखोरों को माल खपाने का मौका मिल जाता है। यदि पर्याप्त अधिकारियों की टीम लगे तो मिलावट के और मामले सामने आ सकते हंै। कोटा शहर में 12 हजार व पूरे जिले में 13 हजार दुकानें हैं। सिर्फ दो अधिकारी कितनी कार्रवाई कर पाते हैं, यह आसानी से समझा जा सकता है। पर्याप्त टीम नहीं होने से रुटीन कार्रवाई में तेजी नहीं आ सकती। ऐसे में मिलावटखोरों पर प्रभावी अंकुश नहीं लग पाता।
यह आंकड़े बहुत कम
पिछले छह सालों में 1270 नमूने लिए गए। इनमें से 360 नमूने फेल निकले। पूरे जिले के हिसाब से यह आंकड़े बहुत कम हैं।

एक के भरोसे दो जिले
कोटा में पहले तीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी अरुण सक्सेना, संजय सिंह व गोविंद गुर्जर थे। इनमें से एक खाद सुरक्षा अधिकारी गोविंद गुर्जर को झालावाड़ लगा दिया। हाल ही बारां के खाद्य सुरक्षा अधिकारी के बीमार होने पर कोटा से एक खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय सिंह को अतिरिक्त चार्ज दिया गया। ऐसे में वे कोटा व बारां दोनों जिले संभाल रहे हैं।
ये कहते हैं आंकड़े
12 हजार दुकानें कोटा शहर में

3100 से अधिक दुकानें लाइसेंसधारी
13 हजार दुकानें पूरे कोटा जिले में


पदों के बढ़ाने का काम सरकार के स्तर पर होता है। वैसे हम दोनों अधिकारी पूरे साल कार्रवाई करते हैं। उनमें से कई सेम्पल फेल निकलते हैं। जन स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले कई मिलावटखोरों पर जुर्माना लगा है तो कई को सजा भी हुई है।
अरुण सक्सेना, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, कोटा जोन

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