वीएमओयू में अफसरों ने कर्मचारियों पर लूटा दिए 3 करोड़, अब खुद फंस गए चक्कर में
यहां आईएल की जमीन पर मॉडल टाउनशिप विकसित की जाएगी। यानी पांच हजार पेड़ काट कर, पांच सौ से अधिक मोरों को उजाड़ कर सीमेंट का जंगल खड़ा किया जाएगा। वृक्ष नए कोटा की जरूरत हैं। यहां वैसे ही हरियाली का टोटा है। वृक्षों की संख्या कम है। कभी किसी ने इस बारे में ध्यान ही नहीं दिया। नगर विकास न्यास और आवासन मंडल ने अपनी कॉलोनियों में पार्क के लिए जगह जरूर छोड़ी, लेकिन वहां पार्क विकसित नहीं किए। नतीजा कहीं धार्मिक स्थल बन गए। कहीं अतिक्रमण हो गया। जहां यह सब नहीं हो सका। वहां कचरा पाइंट विकसित हो गए। इन जमीनों पर सब कुछ हुआ, बस पेड़ नहीं लगे। शहर के विस्तार के बाद आईएल की जमीन बरसों से निगाह में आ गई थी।राजस्थान का अजीब अस्पताल: यहां चूहे चैक करते हैं पोष्टिक आहार फिर मरीज खाते हैं खाना
पहले आईएल ने ही अपना कर्ज चुकाने के लिए जमीन बेची, जहां राजीव नगर विकसित हुआ। जहां इमारतों के अलावा कुछ नहीं। अब चूना नोंचते-नोंचते दीवार ही गिराने की तैयारी है। किसी को आईएल की जमीन पर मिनी सचिवालय नजर आने लगा है और किसी को कॉलोनी। यहां पांच सौ से अधिक मोर हैं, उनका भविष्य क्या होगा। शहर के लोगों के अलावा कोई इस मामले पर बोलने को तैयार भी नहीं है।