ऐसे चला सर्वे… चिकित्सा विभाग ने जनवरी से नवम्बर तक कोटा जिले में प्रतिदिन 500 टीमें लगाकर घर-घर सर्वे किया। इसमें कई लोगों के घरों में कू लरों, पानी की टंकियों, परिण्डे, छतों पर पड़े खराब सामानों, फ्रीज, खाली भूखण्डों की ट्राई में बड़ी तादात में लार्वा मिला। इन पात्रों में टेमीफोस की दवा, एमएलओ व बीटीआई डाली गई।
मकान मालिकों के चालान व नोटिस भी थमाए चिकित्सा विभाग ने सर्वे में बार-बार लार्वा मिलने पर मकान मालिकों के चालान व नोटिस भी काटे गए। जनवरी से अब तक 22 मकान मालिकों के चालान व 446 को नोटिस जारी किए गए है। जबकि पिछले साल विभाग ने 884 मकान मालिकों को नोटिस जारी किए थे। जबकि 66 के चालान बनाए गए थे।
फोगिंग कराई, पम्फलेट भी बांटे चिकित्सा विभाग ने कोरोना के बीच कई संवेदनशील इलाकों में शाम के समय मच्छरों को मारने के लिए फोगिंग भी कराई गई। इससे मच्छरों के आंतक को खत्म किया गया। डेंगू, मलेरिया व कोरोना जागरुकता को लेकर पम्फलेट भी बांटे गए।
फैक्ट फाइल कोटा जिला 12 लाख 48 हजार 750 घरों का बार-बार सर्वे 24 हजार 685 घरों में लार्वा मिला 1 लाख 17 हजार 008 कंटेनर खाली करवाए 500 टीमें प्रतिदिन जुटी
24 वॉलियन्टर्स लगे 22 मकान मालिकों के चालान काटे 446 मकान मालिकों को नोटिस थमाए इनका यह कहना शहर को कोरोना के साथ डेंगू, मलेरिया व अन्य मौसमी बीमारियों से बचाना भी जरुरी था। इस कारण टीमें लगाकर बेहतर तरीके से मॉनिटरिंग कर सर्वे किया। इससे इस बार डेंगू व अन्य बीमारियों के मरीज भी कम मिले। जिन घरों में बार-बार लार्वा मिलने पर मकान मालिाकों के चालान व नोटिस भी जारी किए। – डॉ. बीएस तंवर, सीएमएचओ, कोटा