स्टूडेंट्स के अनुसार वे वर्ष 2011 के विद्यार्थी हैं। इसके बाद यूनिवर्सिटी सिलेबस बदल चुकी है। पुराने विद्यार्थियों से नए सिलेबस के अनुसार प्रश्न पूछे गए। यूनिट फर्स्ट में 16 नंबर के प्रश्न पूछे गए। इसमें दो प्रश्नों में से एक हल करना था। छात्रों को पढ़ाया ट्रबुलेंट फ्लो गया था जबकि प्रश्न पूछे गए मेनोमीटर से संबंधित। पांचवीं यूनिट में एक प्रश्न पूछा गया, जिसमें कुल छह टॉपिक दिए गए। स्टूडेंट्स को इनमें से चार को एक्सप्लेन करना था। फिफ्थ यूनिट का नाम ‘दी बाउंड्री लेयर एण्ड फ्लो राउण्ड ए बॉडी’ है, लेकिन यहां हाइड्रोलिक प्रेस, हाइड्रोलिक रेम, हाइड्रोलिक एक्यूमुलेटर, हाइड्रोलिक कपलिंग एवं हाइड्रोलिक टोरके कन्वर्टर गीयर पम्प में किसी एक को एक्सप्लेन करने को कहा गया।
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शिकायत कमेटी को भेजेंगे मैकेनिक इंजीनियरिंग के एचओडी प्रो. संजय मिश्रा से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि यदि पेपर में प्रश्न आउट ऑफ सिलेबस पूछे गए तो स्टूडेंट्स एग्जाम सेंटर प्रभारी के माध्यम से यूनिवर्सिटी को लिखित में शिकायत भेज सकते हैं। यूनिवर्सिटी की शिकायत कमेटी में मामला रखा जाएगा और एक्सपर्टस से पेपर की जांच कराई जाएगी। इसके बाद जो भी निर्णय आएगा, उसके अनुसार यूनिवर्सिटी फैसला लेगी।