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Patrika Big Impact : आईएल टाउनशिप में विकसित होगा ऑक्सीजोन

locationकोटाPublished: Jul 18, 2018 12:17:46 am

Submitted by:

shailendra tiwari

कलक्टर की अध्यक्षता में स्मार्ट सिटी की गवर्निंग बॉडी ने पारित किया प्रस्ताव, 86 एकड़ में 21 करोड़ की लागत से विकसित होगा अत्याधुनिक पार्क
 
 

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Patrika Big Impact : आईएल टाउनशिप में विकसित होगा ऑक्सीजोन

कोटा. इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड की आवासीय कॉलोनी में लगे 5000 पेड़ अब नहीं काटे जाएंगे और ना ही यहां बसे सैकड़ों मोरों का आशियाना छीनेगा। आईएल की इस 86 एकड़ जमीन पर शहर की आबोहवा में नई प्राणवायु फंूकने के लिए रायपुर की तर्ज पर ऑक्सीजोन विकसित किया जाएगा। स्मार्ट सिटी योजना के तहत इस पर २१ करोड़ रुपए खर्च होंगे। गौरतलब है कि आईएल फैक्ट्री में तालाबंदी के बाद से ही भूमाफिया की इस जगह पर नजर थी। मल्टीस्टोरी कॉम्पलेक्स बनाने की चर्चाओं के बीच राजस्थान पत्रिका ने यहां की हरियाली और मोर संरक्षण क्षेत्र को बचाने का बीड़ा उठाया। छत्तीसगढ़ के रायपुर में प्रशासनिक इच्छाशक्ति से बने ऑक्सीजोन की तस्वीर सामने रख आईएल परिसर में ऑक्सीजोन बनाने का सुझाव दिया। इसे अपार जनसमर्थन मिला। प्रशासनिक अधिकारियों ने राजस्थान पत्रिका के अभियान को सराहते हुए यहां ऑक्सीजोन डवलप करने का सरकार को भेजा है।
यूं हुआ प्रस्ताव पारित
जिला कलक्टर गौरव गोयल की अध्यक्षता में मंगलवार को कलक्ट्रेट में स्मार्ट सिटी की गवर्निंग बॉडी की बैठक हुई। जिसमें आईएल के आवासीय परिसर की जमीन पर ऑक्सीजोन बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके लिए जर्जर हो चुके 705 क्वार्टर्स को गिराने का निर्णय लिया गया। इससे जो जमीन खाली होगी उस पर पांच हजार से ज्यादा पीपल, नीम और बरगद जैसे प्राणवायु देने वाले पौधे रोपकर सघन वन विकसित किया जाएगा। पूरी योजना दो जोन में बंटी होगी। जिसमें सिविल वर्क पर 7.31 करोड़, फॉरेस्ट एंड लैंडस्केप डवलप करने पर 8.78 करोड़ और तीन ट्रीटमेंट प्लांटों का निर्माण करने के लिए 4.50 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
कहां क्या क्या बनेगा

51 एकड़ में सघन वन के रूप में विकसित किया जाएगा।
5 हजार से ज्यादा पेड़ लगेंगे।

5 बड़े तालाब भी विकसित किए जाएंगे।
5.5 किमी के तीन अलग-अलग वॉकिंग, रनिंग और साइकिलिंग ट्रैक बनेंगे।
21 करोड़ रुपए खर्च होंगे ऑक्सीजोन पर।

स्मार्ट सिटी की बैठक में योजना पर मुहर लगने के बाद इसे मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा। पूरी प्रक्रिया करीब चार महीने में पूरी कर ली जाएगी। जिसके बाद ऑक्सीजोन का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। ऑक्सीजोन में पीकॉक सेंचुरी भी विकसित की जाएगी।
गौरव गोयल, जिला कलक्टर, कोटा
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