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बदहाली पर आंसू बहा रहा पार्क, सिंचाई विभाग रो रहा बजट का रोना….

locationकोटाPublished: Sep 04, 2019 11:53:47 pm

Submitted by:

Anil Sharma

राणा प्रताप सागर बांध के नीचे बना हुआ है सिंचाई विभाग का यह पार्क, वर्ष १९७० में इंदिरा गांधी ने किया था लोकार्पण….मुख्यद्वार सहित पार्क के भीतर भी तैनात रहते थे गार्ड…सुबह से शाम तक रहती थी यहां भीड़….

rawatbhata, kota

ranapratap sagar bhandh park : लक्ष्मण झुला व फव्वारे

रावतभाटा. स्वीमिंग पुल, लक्ष्मण झुला, राणा प्रताप सागर बांध के डेमो सहित अन्य विशेषताओं लिए सौंदर्यीकरण का प्रतीक बांध के नीचे स्थित सिंचाई विभाग के पार्क की अनदेखी के चलते दुर्गति हो रही है। इसका एक प्रमुख कारण विभाग के पास बजट की कमी भी है।
जानकारी के अनुसार राणा प्रताप सागर बांध के साथ उक्त पार्क का लोकार्पण 1970 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था। पार्क करीब 4 हैक्टेयर में विकसित है। पार्क में महादेव का मन्दिर है। जहां सुबह शाम लोग दर्शन करने आते हैं। इसके सामने लगे फव्वारे खराब हो चुके हैं। कभी लोग मन्दिर का दर्शन कर फव्वारों के सामने रंगबिरंगा पानी देखने घंटों खड़े रहते थे। पार्क में प्रवेश के लिए बनी सीढिय़ां की टाइल्स टूट चुकी है। स्वीमिंग पुल की हालत भी खस्ता है। इसके पास ही कपड़े बदलने के लिए झोपड़ी नुमा ट्राइल रूम बना हुआ है। सफेद व नीले कलर का बना ट्राइल रूम आज भी सुन्दर लगता है, लेकिन इसके खिड़की व दरवाजे टूट चुके हैं। स्वीमिंग पुल व पार्क का नजारा देखने के लिए पास ही छतरी है। पहले लोग सर्दी में सुबह व गर्मियों में शाम को इसके नीचे घंटों बैठा करते थे, लेकिन आज वीरान है। पार्क के ऊपरी हिस्से में जाने के लिए इंटरलोकिंग सीढिय़ा है। जिन पर रैलिंग भी है। ऊपर जाते ही फव्वारे लगे हुए है। ये फव्वारें लाल, नीचे, पीले सहित अन्य रंगों वाला पानी बिखेरते थे। फव्वारों के अन्दर महाराणा प्रताप की प्रतिमा है। बीच में छतरी है। इसके अलावा फव्वारों के बीच में लक्ष्मण झूला है। जहां रोज शाम को बड़ी संख्या में बच्चे, महिला, पुरुष व बुजुर्ग घूमने आते थे। ये सब वर्तमान में गुजरे जमाने की बातें हो गई है। अब तो पार्क की सौंदर्यता पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। लोग यहां घूमने तो दूर इसे देखने भी बमुश्किल आते हैं।
राणा प्रताप सागर बांध का डेमो
पार्क के सबसे ऊपर राणा प्रताप सागर बांध का डेमो बनाया हुआ है। इसमें बांध के सभी 17 गेट दिखाए गए हैं। गेट खुलने के बाद पानी कहां जाता है सहित अन्य जानकारियां दी गई है। पार्क घूमने आने वाले लोगों को सिंचाई विभाग का कर्मचारी डेमो दिखाकर बांध के बारे में जानकारी देता था। अधिकारियों का कहना है कि अब पार्क के रखरखाव को लेकर बजट नहीं आता। जैसे-तैसे व्यवस्था भी कर दें, लेकिन कर्मचारी नहीं है।

पार्क के रखरखाव को लेकर फिलहाल विभाग के पास बजट नहीं है। न ही देखभाल करने के लिए कर्मचारी है। बजट को लेकर समय-समय पर उच्च अधिकारियों को लिखित में अवगत कराते हैं।
पूरणचंद मेघवाल, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग, रावतभाटा
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