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करोड़ों खर्च कर बनाने थे पार्क, बन गया तबेला और गैराज

locationकोटाPublished: Nov 15, 2019 06:25:53 pm

Submitted by:

mukesh gour

स्मार्ट सिटी के तहत बनाने थे ग्रीन स्पेस और ग्रीन जोन

करोड़ों खर्च कर बनाने थे पार्क, बन गया तबेला और गैराज

करोड़ों खर्च कर बनाने थे पार्क, बन गया तबेला और गैराज

कोटा. स्मार्ट सिटी की परिकल्पना में शहर को ग्रीन सिटी के रूप में विकसित करना है, लेकिन नगर निगम और नगर विकास न्यास प्रशासन की अनदेखी के कारण करोड़ों रुपए का बजट खर्च करने के बाद भी शहर के पार्क उजड़े पड़े हैं, जबकि पार्कों की देख-रेख के नाम पर मोटा बजट खर्च किया जाता है। शहर में निगम के अधीन करीब 250 विकसित पार्क आते हैं। कुछेक पार्क अविकसित श्रेणी में भी आते हैं। निगम ने पिछले दो-तीन साल में सार्वजनिक पार्कों के आधुनिकीकरण और सौंदर्यीकरण पर मोटा बजट खर्च किया है, लेकिन उचित सार-संभाल नहीं होने से पार्कों का स्वरूप ही बदल गया है। कॉलोनियों के ज्यादातर पार्क दुर्दशा के शिकार हो गए हैं। यही स्थिति नगर विकास न्यास के अधीन आने वाले पार्कों की है। भाजपा शासन में पार्कों के विकास पर न्यास ने करोड़ों रुपए खर्च किए थे, लेकिन अब उनकी देखरेख भी नहीं हो रही। वल्लभबाड़ी में दो-तीन पार्कों का सौंदर्यीकरण किया गया था, लेकिन अब वहां ***** विचरण कर रहे हैं। महावीर नगर विस्तार योजना सेक्टर एक के में पार्क में भैंसों का तबेला बना दिया है। दीवार टूटी होने से आवारा मवेशी विचरण करते रहते हैं। इस कारण हरियाली खत्म हो गई है। कचरे का ढेर लगा हुआ है। सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि चारदीवारी को दुरुस्त कर दिया जाए तो कॉलोनी के लोगों के लिए घूमने में उपयोगी साबित हो सकता है। पार्क की दुर्दशा के बारे में स्थानीय पार्षद को कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
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पार्क की दीवार तोड़ी, पार्किंग शुरू
प्रशासन ने लोगों की सुविधा के लिए महावीर नगर सेक्टर एक में पार्क विकसित किया था, लेकिन आसपास के लोगों ने पार्कों को ही उजाड़ दिया है और अब कुछ लोगों ने पार्क की दीवार को तोड़कर अवैध रूप से कारों की पार्किंग शुरू कर दी है। पार्क पर अवैध रूप से कब्जा जमा लिया है। एक पशुपालक ने पार्क में ही भैंसों का बाड़ा बना दिया है। शादी-विवाह व अन्य कार्यक्रमों के लिए भी पार्क का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि नियमानुसार पार्क में शादी समारोह नहीं हो सकते हैं।
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सूख गई हरियाली
पार्कों में पानी देने की कोई व्यवस्था नहीं है, इस कारण सर्दी में भी हरियाली सूखने लग गई है। श्रीनाथपुरम् में सार्वजनिक पार्क का दरवाजा क्षतिग्रस्त हो गया है। इस कारण मवेशी गेट से अंदर घुस जाते हैं। इस पार्क में हरियाली सूखने लगी है। विज्ञान नगर में भी पार्कों की बैंचें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
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उद्यान समिति ने पार्कों को विकसित करने का प्रस्ताव लिया था, इसके लिए बजट भी बढ़ाया गया था, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण पार्कों के विकास की राशि खर्च नहीं हो पाई। न पार्कों की उचित देखभाल हो रही है। निगम आयुक्त से चर्चा कर पार्कों के विकास के लिए टेण्डर जारी करवाएंगे।
विनोद नायक, अध्यक्ष उद्यान समिति
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