बाड़े में आवश्यक कार्य अधूरे रहने के कारण मांसाहारी वन्यजीवों को शिफ्ट नहीं किया गया था। सोमवार को विभाग ने एक मादा पैंथर को पार्क में शिफ्ट किया था, अब जरख व सियार को भी पार्क में शिफ्ट कर दिया है। शेष को भी जल्द शिफ्ट किया जाएगा। गत वर्ष 2020 में सांभरए चीतलए नीलगाय समेत अन्य शाकाहारी वन्यजीवों को बायोलोजिकल पार्क में शिफ्ट कर दिया था।
वर्षों से कागजों में अब योजना साकार अभेड़ा में बायोलोजिकल पार्क की योजना वर्षों से कागजों में दौड़ रही थ्ी। वर्ष 2007 में सीएजेडए;सेंन्ट्रल जू ऑथरिटी द्धने क्षेत्र को बायोलोजिकल पार्क के लिए उपयुक्त माना थाए लेकिन इसके बाद भी क्षेत्र में नगर निगम का टेंरंचिंग ग्राउण्ड होने के कारण योजना साकार रूप नहीं ले सकी। इस पर विभाग के अधिकारियों ने टेंरचिंग ग्राउण्ड से उत्पन्न होने वाली समस्या से बचाव के लिए 400 मीटर चौड़ी व 1000 मीटर लंबर ग्रीन बेल्ट विकसित करने का निर्णय लिया। इसके बाद प्राधिकरण ने अनुमति दी तो पार्क का निर्माण शुरू किया गया।
126 हैक्टेयर में बन रहा है पार्क इस पार्क का निर्माण 126 हैक्टेयर में किया जा रहा है। करीब 40 करोड़ की लागत से अभेड़ा में इस पार्क को विकसित किया जा रहा है। 20 करोड़ की लागत से पहले फेज का कार्य पूर्ण हो गया है। इनमें गाघए भालूए पेंथरए हाइनाए वुल्फ समेत अन्य 13 वन्यजीवों व 5 पक्षियों के लिए बनाए गए हैं।
इन्होंने बताया… सहायक वन संरक्षक अनुराग भटनागर ने बताया कि शाकाहारी वन्यजीवों को पहले पार्क में शिफ्ट कर दिया था। शेष को वन्यजीवों को शिफ्ट करेंगे। अगले माह पार्क को पर्यटकों के लिए खोलने पर विचार है।