भगवा पहने और भगवान परशुराम की चित्र अंकित पताका लिए विप्रजन सहित पीले वस्त्रोंं में माता—बहनो की लम्बी कतरे देखने को मिली।केसरियां रंग का कुर्ता हाथ परसा और केसरिया झण्डे लेकर ब्राहम्णजनो का काफिला भगवान परशुराम के जयकारे लगाते हुए विप्र बंधु भगवान परशुराम की शोभायात्रा के लिए निकल पडे़। शोभायात्रा में विप्रजनो पर ड्रोन से पुष्पवर्षा की गई।इससे पूर्व शोभायात्रा संयोजक शैलेन्द्र भार्गव ने तलवंडी सर्किल पर 11 पण्डितो के साथ विधिविधान से शंख व परसे की पूजा की और शोभायात्रा को रवाना किया।वहां पहंचे विप्र प्रशासनिक अधिकारी व राजनेताओं का स्वागत दुप्पटे से किया गया।शोभायात्रा में भगवान परशुराम की झांकी शोभनीय थी और गाजे-बाजे के साथ धीरे-धीरे समाजबंधु केसरिया ध्वज को लेकर आगे बढ़ रहे थे तो पीछे संगीत की मधुर ध्वनि व परशुराम के जय के नारे लगा रहे थे। रैली का काफिला आतिशबाजी के साथ आगे बढ़ता जा रहा और ब्राहम्ण बंधुजन सम्पूर्ण हाडौती से परशुराम सर्किल पर आते जा रहे थे।
भगवा पहने और भगवान परशुराम की चित्र अंकित पताका लिए विप्रजन सहित पीले वस्त्रोंं में माता—बहनो की लम्बी कतरे देखने को मिली।केसरियां रंग का कुर्ता हाथ परसा और केसरिया झण्डे लेकर ब्राहम्णजनो का काफिला भगवान परशुराम के जयकारे लगाते हुए विप्र बंधु भगवान परशुराम की शोभायात्रा के लिए निकल पडे़। शोभायात्रा में विप्रजनो पर ड्रोन से पुष्पवर्षा की गई।इससे पूर्व शोभायात्रा संयोजक शैलेन्द्र भार्गव ने तलवंडी सर्किल पर 11 पण्डितो के साथ विधिविधान से शंख व परसे की पूजा की और शोभायात्रा को रवाना किया।वहां पहंचे विप्र प्रशासनिक अधिकारी व राजनेताओं का स्वागत दुप्पटे से किया गया।शोभायात्रा में भगवान परशुराम की झांकी शोभनीय थी और गाजे-बाजे के साथ धीरे-धीरे समाजबंधु केसरिया ध्वज को लेकर आगे बढ़ रहे थे तो पीछे संगीत की मधुर ध्वनि व परशुराम के जय के नारे लगा रहे थे। रैली का काफिला आतिशबाजी के साथ आगे बढ़ता जा रहा और ब्राहम्ण बंधुजन सम्पूर्ण हाडौती से परशुराम सर्किल पर आते जा रहे थे।