लोक अभियोजक ने बताया कि 25 मई 2006 को परिवादी बारां के गोरधनपुरा निवासी जाफर हुसैन ने एसीबी में दी शिकायत में बताया कि 29 मई को ग्राम पंचायत परानियां में राजस्व शिविर लगना था। शिविर में गांव घट्टा एवं जेतपुरा की जमीन ट्रेस पासर खाते की जानी थी। गांव घट्टा के माल में 20 बीघा खसरा नम्बर 37 का एलॉटमेंट परिजनों के नाम करवाने के लिए वह पटवारी बृजोहन नागर से मिला।
पटवारी ने शिविर में नाम भिजवाने की एवज में 60 हजार रुपए रिश्वत मांगी। शिकायत सही पाए जाने पर एसीबी ने आरोपी पटवारी बृजमोहन नागर को 15 हजार की घूस लेते गिरफ्तार कर राशि भी बरामद कर ली। मामले में प्रकरण दर्ज कर कोर्ट में आरोप-पत्र पेश किया गया। यह मामला अदालत में विचाराधीन है।
तलाशी में खुली परतें
इसी दौरान 25 मई 2006 को ही पटवारघर में अभियुक्त के कमरे की तलाशी लेने पर 21,350 रुपए की राशि पाई गई। पूछने पर बृजमोहन नागर स्पष्ट जवाब नहीं दे पाया। इस जब्त राशि की जांच की गई तो पता चला कि आरोपी ने राजस्व वसूली की जुर्माना राशि 1,54,493 रुपए वसूली। इसमें से उसने 12,186 रुपए ही राजकोष में जमा करवाए। शेष रकम 1,42,307 रुपए आरोपी ने अपने ही पास रखे। इसी मामले में कोर्ट ने उसे दोषी मानते हुए सजा सुनाई।