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BIG News: चौंकाने वाला खुलासा: कोटावासी खुद को ठंडा रखने के लिए रोजाना खर्च करते हैं 46 लाख

locationकोटाPublished: May 16, 2019 03:36:11 am

Submitted by:

​Zuber Khan

गर्मी में बरसती आग को मात देने की ख्वाहिश कोटा की जेब पर खासी भारी पड़ रही है। आग बरसाता तापमान को गि‍राने के लि‍ए लाखों रुपए हर दि‍न खर्च कर रहे हैं लोग।

Heat prevention measures

BIG News: चौंकाने वाला खुलासा: कोटावासी खुद को ठंडा रखने के लिए रोजाना खर्च करते हैं 46 लाख

कोटा. गर्मी में बरसती आग को मात देने की ख्वाहिश कोटा की जेब पर खासी भारी पड़ रही है। पारे को गिराने के लिए कूलर, एयर कंडीशनर (एसी) के स्विच को एक झटके में ऑन करने वाले कोटा के बाशिंदे होम एप्लाइंस चलाने पर ही हर रोज 22 लाख रुपए की बिजली खर्च कर बैठते हैं, जबकि तरी के लिए रोजाना करीब-करीब 14 लाख रुपए केफल, जूस, शेक, बर्फ और आइसक्रीम गटक जाते हैं।
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मौसम के खिलाफ छिड़ी जंग में मशीनों को हथियार बनाने की इंसान को बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। एयर कंडीशनर की ठंडा करने की क्षमता (शीतलक क्षमता), बिजली की खपत और उनके अनुपात (ऊर्जा दक्षता अनुपात) की गणना के आधार पर एसी रेटिंग जारी करने वाले ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) और कोटा में बिजली सप्लाई कर रही कंपनी केईडीएल के मुताबिक 2500 किलोवाट के एक टन के एसी को हर रोज औसतन छह घंटे चलाने पर एक महीने में करीब 450 यूनिट बिजली खर्च होती है।
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बिजली पर सबसे ज्यादा मार
इस साल मार्च के महीने में ही पारा सुर्ख होने लगा था, लेकिन अप्रेल का महीना आते-आते तो मौसम में गर्माहट खासी बढ़ गई। नतीजतन, जनवरी से लेकर मार्च के महीने तक जहां कोटा में बिजली की औसत मासिक खपत करीब 840 लाख यूनिट थी, वहीं अप्रेल में 336 लाख यूनिट से ज्यादा हो गई। यूं तो कोटा की छतों और घरों की खिड़कियों पर करीब 2.62 लाख एसी टंगे हैं, लेकिन गर्मी से निजात पाने के लिए करीब सवा लाख लोग नियमित छह घंटे एसी चलाते ही हैं। इसके बिल पर उन्हें रोजाना तकरीब 18 लाख रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। वहीं लगभग हर घर में चल रहे फ्रिज के बिल पर औसतन चार लाख रुपए रोज का खर्च करना पड़ रहा है।

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महंगे पड़ रहे तरीके
घर से निकलते ही लू के थपेड़े बेहाल कर रहे हैं। इनसे निपटने के लिए जूस और शेक कोटा वासियों का बड़ा सहारा साबित हो रहा है। सीबी गार्डन पर सजी गन्ना रस के ठेलों से लेकर गुमानपुरा, तलवंडी, महावीर नगर, जवाहर नगर, विज्ञान नगर और शॉपिंग सेंटर समेत तकरीबन पूरे शहर के जूस एवं शेक कॉर्नर हर वक्त गुलजार रहते हैं। जबकि आइसक्रीम पॉर्लर और फल के ठेलों की रौनक के तो क्या कहने, लेकिन जनाब गला तर और शरीर ठंडा रखने की यह ख्वाहिश रोजाना तकरीबन 14 लाख रुपए की बैठ रही है। गुमानपुरा स्थित जूस विक्रेता मुकेश गालव बताते हैं कि सुबह दुकान खुलने से लेकर रात में बंद करने तक ग्राहकों की कतार नहीं टूटती।

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