रोचक यह कि उक्त दोनों व्यक्ति एक ही संस्थान में कार्य करते हैं। इस वजह से दोनों को इस गलती का पता चला। आधार में हुई गड़बड़ को ठीक करवाने के लिए दोनों जिला कलक्टर से लेकर जयपुर स्थित आधार के ऑफिस तक चक्कर काट चुके हैं। इसका नतीजा यह हुआ कि गलती तो सुधरी नहीं लेकिन, एक का आधार ही सस्पेंड हो गया।
यह हुई गलती
बूंदी जिले के चोतरा का खेड़ा गांव निवासी शंकर सिंह ने 27 सितम्बर 2011 में कुन्हाड़ी नाका चुंगी चौराहा स्थित ई-मित्र पर आधार के लिए आवेदन किया था। इसी दिन बूंदी जिले के बरूंधन निवासी हाल निवास हटाई का चौक सकतपुरा निवासी लालचन्द ने भी आधार के लिए आवेदन किया।
कई साल बाद भी जब लालचन्द का आधार बनकर नहीं आया तो वह एक साल पहले उसी ई-मित्र पर आधार के लिए आवेदन करने पहुंचा। ई-मित्र संचालक ने उससे तीन हजार रुपए लेकर दुबारा आवेदन कर दिया। कुछ महीने बाद ही लालचंद का आधार उसके पते पर पहुंच गया। अब हुआ यह कि शंकर सिंह का आधार सस्पेंड हो गया।