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राजस्‍थान का ऐसा हॉस्टिल जहां जान से ज्यादा कीमती है 5 रुपए की ‘वो पर्ची’, कैसे, पढि़ए खबर

locationकोटाPublished: Dec 21, 2019 05:41:41 pm

Submitted by:

​Zuber Khan

राजस्थान के चार जिलों में सबसे बड़ा ऐसा हॉस्पिटल है जहां मरीजों की जान से ज्यादा कीमती है 5 रुपए की पर्ची। यहां इलाज से पहले ही कट जाती है मौत की पर्ची।

MBS Hospital

राजस्‍थान का ऐसा हॉस्टिल जहां जान से ज्यादा कीमती है 5 रुपए की पर्ची, कैसे, पढि़ए खबर

कोटा . राजस्थान में कोटा जिले के एमबीएस अस्पताल में पर्ची काउंटर पर पर्चा बनाते समय खड़े-खड़े एक युवक की मौत हो जाने का मामला नया नहीं है। यहां पूर्व में भी कई मरीजों की इलाज से पहले ही ‘मौत की पर्ची’ कट चुकी है। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन व्यवस्था सुधार को लेकर गंभीर नहीं है। जबकि एमबीएस हाड़ौती के चार जिलों में सबसे बड़ा अस्पताल है। चारों जिलों से बड़ी संख्या में मरीज इस अस्पताल में इलाज को आते हैं। यहां प्रतिदिन हजारों का आउटडोर रहता है। मरीजों की संख्या के मुकाबले महज सात पर्ची काउंटर ही हैं।
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मरीज को डॉक्टर तक पहुंचने में लगता समय
मेडिकल कॉलेज के तीनों बड़े अस्पतालों में मरीजों के अनुपात में काउंटर व चिकित्सक नहीं होने से कतारें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। सर्दी में मौसमी बीमारियों का ज्यादा प्रकोप नहीं होने के बावजूद अस्पतालों में भीड़ देखने को मिल रही है। अस्पतालों में मेडिसिन, चर्म व हड्डी रोग विभाग में सबसे ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। एमबीएस में मेडिसिन की बात करें तो यहां रोजाना 150 से 200 का आउटडोर चल रहा है। चर्म में 250 से 300 मरीज पहुंच रहे हैं। यदि मरीज अस्पताल में अपनी छोटी-मोटी बीमारी के लिए भी इलाज करवाने जाता है तो एक घंटे पर्ची काउंटर, दो घंटे चिकित्सक के पास, एक घंटे जांच तथा एक घंटे से ज्यादा समय दवा लेने में लगता है। अस्पताल बंद होने के बावजूद दवा काउंटर पर कतारें देखने को मिलती हैं।

कतारों में इनकी हो चुकी मौत
19 दिसम्बर 2019: सब्जीमंडी गुमानपुरा निवासी लालाजी (45) पुत्र बाबूलाल माली यहां किराए से रहता है। उसे दिल में दर्द की शिकायत हुई, जब उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो वह अकेला ही रात 11.45 बजे अस्पताल पहुंच गया। यहां पर्ची काउंटर पर लाइन में पर्ची बनाते समय तबीयत बिगडऩे से अचेत होकर गिर गया। पुलिस ने उसे वार्ड में भर्ती कराया। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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17 जुलाई 2018 : कैथूनीपोल क्षेत्र के कोलीपाड़ा के रामदेव मंदिर के पास रहने वाला सुनील (32) बीमार था। उसे घर पर ही सीने में दर्द की शिकायत हुई। पत्नी कल्पना उसे लेकर एमबीएस अस्पताल पहुंची। पति को पर्ची काउंटर के पास ही लाइन में बैठाकर कल्पना परामर्श पर्ची कटवाने के लिए लाइन में लग गई, लेकिन कुछ ही देर में सुनील को दिल का दौरा पड़ गया। घटनाक्रम इतना तेज हुआ कि इलाज मिलने से पहले ही उसकी मौत हो गई। इस बीच हल्ला होने पर सुनील को देखने डॉक्टर पहुंचे और जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।

12 जुलाई 2019 : कैथून थाना क्षेत्र के मोरपा निवासी विद्यासागर मीणा के पिता दयाराम मीणा खाना खाकर खेत पर गए थे। परिजन उन्हें अचेत अवस्था में एमबीएस अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन यहां मरीज को देखने से पूर्व चिकित्सक ने पर्ची मांगी। लाइन के चलते पर्ची कटवाने में समय लग गया। परेशान होकर परिजन निजी अस्पताल लेकर गए, लेकिन यहां पहुंचते ही चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसस पहले भी नए अस्पताल में एक महिला की पर्ची की लाइन में मौत हो चुकी है।

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