डॉ. डंग ने बताया कि कुछ दिनों तक उस बच्चे की एक्टिविटी की जांच की। जिसमें पाया कि मोटापे के कारण बच्चा रात को सो नहीं सकता। दिन में बैठे-बैठे सोता है। यदि पलंग पर लेटकर सोता है तो उसे सांस लेने में तकलीफ होती है। पढऩे में होशियार होने के बावजूद क्लास में पढ़ नहीं पाता। दिन में क्लास में सो जाता। रातभर जगना, तनाव में रहना। यदि रात को सोता तो पलंग पर हाथ पैर फेंकता।
स्लीप जांच में यह सामने आया
स्लीप स्टडी में सामने आया कि हर घंटे एक से दो बार सांस रुक जाती। ऑक्सीजन लेवल भी 90 प्रतिशत से कम था, जबकि नींद के दौरान ऑक्सीजन लेवल 90 प्रतिशत से ऊपर रहना चाहिए। बच्चों में 8 से 9 घंटे की नींद जरूरी है।
बच्चे को रात को सोते समय मुंह में सी पेप मशीन लगानी पड़ेगी। दौडऩा-खेलना, व्यायाम व भोजन में परहेज करना पड़ेगा। वजन 60 किलो तक लाना पड़ेगा। उसके बाद ही सी पेप मशीन हट सकती है।