सुनने में भले आपको अजीब लगे, लेकिन मामला ऐसा ही है। एक बालक, जिसकी उम्र 12 साल, वजन 88 किलो, दिन में सोता है और रातभर जागता है। कोटा में इस तरह का पहला मामला सामने आया है। चिकित्सक भी इसे देखकर हैरत में हैं। श्वास रोग विशेषज्ञ केवल कृष्ण डंग ने बताया कि पिकविकियन सिन्ड्रोम व स्लीप एपनिया बीमारी से पीडि़त महावीर नगर क्षेत्र निवासी 12 वर्षीय बालक संदीप पुत्र प्रदीप जागा उनके सम्पर्क में आया।
उसका वजन किया तो 88 किलो निकला, जबकि सामान्यत: इस उम्र में औसत वजन 42 किलो रहता है। बीमारी के कारण बच्चे का वजन तेजी से बढ़ा है। बीपी भी कुछ बढ़ा हुआ था। बच्चे का गला भी काफी मोटा दिखा। मुंह में अंदर टॉन्सिल नहीं है। इससे खर्राटे भी आते है। ऐसा स्लीप एपनिया हिन्दुस्तान में 4 प्रतिशत बच्चों में ही पाया जाता है। यह दो तरह से होता है। टाइप वन गले में गांठ या सूजन व टाइप टू मोटापे के कारण होता है।
यह भी मिले लक्षण
डॉ. डंग ने बताया कि कुछ दिनों तक उस बच्चे की एक्टिविटी की जांच की। जिसमें पाया कि मोटापे के कारण बच्चा रात को सो नहीं सकता। दिन में बैठे-बैठे सोता है। यदि पलंग पर लेटकर सोता है तो उसे सांस लेने में तकलीफ होती है। पढऩे में होशियार होने के बावजूद क्लास में पढ़ नहीं पाता। दिन में क्लास में सो जाता। रातभर जगना, तनाव में रहना। यदि रात को सोता तो पलंग पर हाथ पैर फेंकता।
डॉ. डंग ने बताया कि कुछ दिनों तक उस बच्चे की एक्टिविटी की जांच की। जिसमें पाया कि मोटापे के कारण बच्चा रात को सो नहीं सकता। दिन में बैठे-बैठे सोता है। यदि पलंग पर लेटकर सोता है तो उसे सांस लेने में तकलीफ होती है। पढऩे में होशियार होने के बावजूद क्लास में पढ़ नहीं पाता। दिन में क्लास में सो जाता। रातभर जगना, तनाव में रहना। यदि रात को सोता तो पलंग पर हाथ पैर फेंकता।
स्लीप जांच में यह सामने आया
स्लीप स्टडी में सामने आया कि हर घंटे एक से दो बार सांस रुक जाती। ऑक्सीजन लेवल भी 90 प्रतिशत से कम था, जबकि नींद के दौरान ऑक्सीजन लेवल 90 प्रतिशत से ऊपर रहना चाहिए। बच्चों में 8 से 9 घंटे की नींद जरूरी है।
अब यह करना पड़ेगा
बच्चे को रात को सोते समय मुंह में सी पेप मशीन लगानी पड़ेगी। दौडऩा-खेलना, व्यायाम व भोजन में परहेज करना पड़ेगा। वजन 60 किलो तक लाना पड़ेगा। उसके बाद ही सी पेप मशीन हट सकती है।
बच्चे को रात को सोते समय मुंह में सी पेप मशीन लगानी पड़ेगी। दौडऩा-खेलना, व्यायाम व भोजन में परहेज करना पड़ेगा। वजन 60 किलो तक लाना पड़ेगा। उसके बाद ही सी पेप मशीन हट सकती है।