कोटा

करोड़ों खर्च कर बनाए कोटा दशहरा मेला स्थल पर दिखे हैरान करने वाले नजारे…

स्मार्ट दशहरा मैदान दुर्दशा का शिकार

कोटाNov 10, 2018 / 12:03 pm

Dhirendra

स्मार्ट दशहरा मैदान

कोटा. करोड़ों रुपए खर्च कर तैयार किया गया स्मार्ट दशहरा मैदान पहले ही राष्ट्रीय दशहरा मेले में दुर्दशा का शिकार हो गया है। महंगी टाइल्स उखड़ गई और जगह-जगह से टूट गई हैं। दशहरा मैदान की खूबसूरती को चार चांद लगाने के लिए बेंगलरू से महंगे पौधे मंगाए गए थे, लेकिन मेले में भीड़ के कारण तहस-नहस हो गए हैं। मेले में टेंट लगाने के लिए जगह-जगह से फर्श को उखाड़ दिया गया है। कीले गाढऩे से टाइल्स दरक गई हैं।
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मेला खत्म होने के बाद पत्रिका टीम ने दशहरा मैदान का जायजा लिया तो हैरान करने वाली तस्वीरे सामने आई। विजयश्री रंगमंच पर लगाया गया बड़ा शीशा टूट गया है। यहां लगाया गया कोटा स्टोन का फर्श भी जगह-जगह से उखड़ गया है। फूड मार्केट में लगाई गई महंगी टाइल्स को जगह-जगह से तोड़ दिया गया है। कई जगहों पर तो टाइल्स तोड़कर गंदा पानी भरने के लिए गड्ढ़े तक बना दिए हैं। मैदान में सीपेज के पानी को रोकने के प्रयास विफल साबित हुए हैं। लगातार पानी भरा रहने से कोटा स्टोन का फर्श जगह-जगह से उखड़ गया है। मेले की खूबसूरती के लिए बेंगलरू से पौधे मंगाकर लगाए गए थे, लेकिन डंठल में तब्दील हो गए हैं। करीब दस लाख रुपए सजावटी पौधों पर खर्च किए गए थे।
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लाल पत्थर गिर गए
दुकानों के सौंदर्यीकरण के लिए लगाए गए लाल पत्थर भी जगह-जगह से टूट गए हैं। यू मार्केट व जनरल मार्केट में तो दुकानों से लाल पत्थर की टाइल्स उखड़ गई है। कई दुकानदारों से अपनी मर्जी से लोहे के एंकल लगा दिए हैं। इस कारण भी टाइल्स क्षतिग्रस्त हो गईं।
विद्युत प्वाइंट हो गए क्षतिग्रस्त

मेले में विद्युत आपूर्ति के लिए जगह-जगह विद्युत प्वाइंट दिए गए थे, यहां प्वाइंट क्षतिग्रस्त हो गए हैं। विद्युत स्विच फर्श पर पड़े हैं। कई दुकानदारों ने अपनी मर्जी से विद्युत तार डालकर बिजली ली थी। मेला खत्म होते ही विद्युत केबल खोलते समय विद्युत प्वाइंटों को ही तोड़ दिया है।
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कम्पनी ही दुरुस्त करवाएगी
पांच साल तक दशहरा मैदान के निर्माण कार्यों की टूट-फूट को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी निर्माणकर्ता कम्पनी की ही है। सोमवार को मेले के दौरान कहां-कहां टूट-फूट हुई है, इसका सर्वे करवाएंगे। पूरा मैदान अब खुला नहीं रख सकते हैं। इसलिए गेट लगाए जाएंगे, ताकि कोई इवेंट, मेले या प्रदर्शनियां लगे तो उसी हिस्से को खोला जा सकेगा। उचित देखरेख करना बहुत जरूरी है।
जुगलकिशोर मीणा, आयुक्त नगर निगम
 

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