कांग्रेस पीट रही छाती साजिश रचने वाले समूह को ‘अर्बन नक्सली’ करार देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शक्ति केंद्र प्रभारियों से पूछा कि क्या ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना गलत है? जिसके जवाब में लोगों ने नहीं का नारा लगाया। जिसके बाद शाह ने हाल ही में वामपंथ समर्थक लेखकों, पत्रकारों और साहित्यकारों के खिलाफ की गई गिरफ्तारी की कार्रवाई को जायज ठहराने की कोशिश करते हुए कहा कि हमने जब इन अर्बन नक्सलियों को जेल भेजना चाहा तो कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल छाती पीटने लगे। मानो जैसे उनकी नानी मर गई हो।
निगल रहे भारतीयों का हिस्सा इसके बाद शाह ने बंग्लादेशी नागरिकों की शिनाख्त के लिए असम में लागू किए गए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की कार्रवाई को जायज ठहराते हुए कहा कि यह वो लोग हैं जो आम भारतीयों के हकों को मार रहे हैं। सरकारें जो लाभकारी योजनाएं आम भारतीय के लिए चलाती है उसका बड़ा हिस्सा यह घुसपैठिए हड़प जाते हैं। भारतीयों के हक को बचाने के लिए इन्हें देश से निकालना जरूरी है। इसलिए यह कदम उठाना पड़ा, लेकिन कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष इस पर राजनीति कर रहा है… मानवाधिकारों की दुहाई दे रहा है।
राजस्थान से भी खदेड़ेंगे घुसपैठिए शाह ने घोषणा की कि राजस्थान में दोबारा उनकी सरकार आते ही यहां रह रहे घुसपैठियों को भी चिन्हित कर बाहर निकाल फेंकेंगे। गौरतलब है कि राजस्थान के सभी सीमावर्ती जिलों में बंग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले हजारों लोग निवास कर रहे हैं और लंबे समय से भारतीय नागरिकता की मांग कर रहे हैं। इनमें हिंदू शरणार्थियों की बड़ी आबादी शामिल है।