भवन के दोनों कमरों की छत का प्लास्टर गिर चुका है। सबसे ज्यादा पीछे वाले कमरे के हालात बुरे हैं। इसमें तारों का जाल बाहर निकल आया। कुछ तार तो टूटकर नीचे लटक रहे हैं। छत का एक खंभा पूरी तरह जर्जर हो चुका है। बाहर वाले कमरे में छत की आरसीसी के तार पूरी तरह बाहर निकल आए हैं। प्लास्टर गिरता ही रहता है।
पुुलिसकर्मियों ने बताया कि बरसात के दिनों में तो स्थिति और भी खराब हो जाती है। दोनों कमरों की छतों से पानी टपकता रहता है। कुर्सी पर भी छाता लगाकर बैठना पड़ता है। चौकी का भवन जमीन के लेवल के बराबर होने की वजह से कई बार तो घुटनों के नीचे तक पानी भर जाता है, साथ ही कीचड़ होने से परेशानी उठानी पड़ती है।