उन्होंने कहा कि कोटा के जेकेलोन अस्पताल में दिसम्बर 2019 और जनवरी 2020 के बीच भी 35 दिनों में 110 नवजात शिशु अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से काल का ग्रास बन गए थे। इससे कई माताओं की कोख उजड़ गई थी। वहीं इस वर्ष 2020 में अब तक कोटा के जेकेलोन अस्पताल में 917 बच्चे दम तोड़ चुके हैं। चिकित्सा विभाग का नियंत्रण अकर्मण्य लोगों के हाथों में है।
राठौड़ ने कहा कि 8 घंटे में 9 नवजात शिशुओं की मौत होना बड़ी लापरवाही व कुप्रबंधन का नतीजा है। इसके बावजूद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और अस्पताल प्रशासन जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए डॉक्टरों व स्टाफ को क्लीन चिट देने में लगे हुए हैं, जबकि जेकेलोन अस्पताल में चिकित्सकों एवं स्टाफ की कमी और शिशु रोग विभाग में बच्चों के जीवनरक्षक करीब 100 उपकरण खराब पड़े हैं। इनमें कई नेबुलाइजर, इंफ्यूजन पम्प, वार्मर, एक्स-रे मशीन और वेंटिलेटर शामिल हैं। इन कमियों के साथ जेकेलोन अस्पताल शिशुओं को जीवनदान देने की जगह उनकी जिंदगी छीनने का काम करते हुए मौत वाला अस्पताल के रूप में तब्दील हो रहा है।
राठौड़ ने कहा कि पिछले साल दिसम्बर महीने में कोटा के जेके लोन अस्पताल में नवजात शिशुओं के मरने का जो सिलसिला शुरू हुआ था, वह अभी तक बदस्तूर जारी है। नवजात शिशुओं की मौत रोक पाने में अस्पताल प्रशासन व गहलोत सरकार नाकारा साबित हो रही है।
राठौड़ ने कहा कि पूर्व में नवजात शिशुओं की असामान्य परिस्थिति में मृत्यु होने पर मैंने और पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने कोटा पहुंचकर अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के माध्यम से राज्यपाल को सौंपी थी। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर 4 स्टेट और 6 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने भी जेकेलोन अस्पताल का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया था और कई खामियां बताई थी।
राठौड़ ने कहा कि जेकेलोन अस्पताल में एक बार फिर से नवजात शिशुओं का काल कवलित होना सरकार के माथे पर कलंक है। पूर्व में सैकड़ों बच्चों की मौत होने के बावजूद भी चिकित्सा विभाग सावचेत नहीं रहा और अस्पताल की दशा सुधारने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए।
उधर, भाजपा शहर जिला अध्यक्ष कृष्ण कुमार सोनी के नेतृत्व में प्रतिनिनिधि मंडल ने कार्यवाही करने की मांग को लेकर जिला कलक्टर उज्ज्वल राठौड़ से मुलाकात की। इसमें संभागीय मीडिया प्रभारी अरविन्द सिसोदिया, जिला उपाध्यक्ष नेता खंडेलवाल,लक्ष्मण सिंह खीची, प्रशिक्षण अभियान संयोजक एडवोकेट मनोज पुरी, कार्यालय मंत्री गोपाल कृष्ण सोनी, रवि विजय, सीताराम मुराडिया शामिल थे।