ऐसे शुरू हुआ मामला
वर्ष 2001 में नगर निगम ने कूड़े का निस्तारण करने के लिए राजस्थान अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट प्रोजेक्ट (आरयूआइडीपी) के तहत बालिता में 25 हेक्टेयर, कुन्हाड़ी में 16 हेक्टेयर और नान्ता रोड पर 16.3 हेक्टेयर जमीन पर ट्रेंचिंग ग्राउंड बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था।
वर्ष 2001 में नगर निगम ने कूड़े का निस्तारण करने के लिए राजस्थान अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट प्रोजेक्ट (आरयूआइडीपी) के तहत बालिता में 25 हेक्टेयर, कुन्हाड़ी में 16 हेक्टेयर और नान्ता रोड पर 16.3 हेक्टेयर जमीन पर ट्रेंचिंग ग्राउंड बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था।
सरकार ने बालिता और कुन्हाड़ी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया, लेकिन नान्ता में ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थापित करने की मंजूरी दे दी थी, लेकिन निगम ने आरएसपीसीबी से प्राधिकार पत्र हासिल किए बगैर ही वहां कूड़ा डालना शुरू कर दिया।नगर निगम प्राधिकार पत्र के बिना अवैध ट्रेंचिंग ग्राउंड पर रोजाना 551 मेट्रिक टन से ज्यादा कूड़ा डंप कर पर्यावरण कानूनों की धज्जियां उड़ा रहा था।
‘पत्रिका’ ने उठाया था मुद्दा
राजस्थान पत्रिका ने जब इसी साल 13 अप्रेल को ‘नान्ता कुन्हाड़ी इलाके में प्रदूषण से पसरा कैंसर’ खबर प्रकाशित की थी तो तत्कालीन क्षेत्रीय अधिकारी ने 17 अप्रेल को नगर निगम को नोटिस जारी कर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 की सख्ती से पालना के निर्देश दिए थे, लेकिन इसके बाद भी निगम अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद आरएसपीसीबी ने 29 अक्टूबर को मुकदमा दर्ज करा दिया।
राजस्थान पत्रिका ने जब इसी साल 13 अप्रेल को ‘नान्ता कुन्हाड़ी इलाके में प्रदूषण से पसरा कैंसर’ खबर प्रकाशित की थी तो तत्कालीन क्षेत्रीय अधिकारी ने 17 अप्रेल को नगर निगम को नोटिस जारी कर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 की सख्ती से पालना के निर्देश दिए थे, लेकिन इसके बाद भी निगम अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद आरएसपीसीबी ने 29 अक्टूबर को मुकदमा दर्ज करा दिया।
चार महीने में दूसरी बड़ी कार्रवाई
गौरतलब है कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम का उलंघन करने पर आरएसपीसीबी ने बीते चार महीने में आला अफसरों के खिलाफ चार महीने में दूसरी बड़ी बड़ी कार्रवाई की है। राजस्थान में यह दूसरा मुकदमा है और दोनों मुकदमे कोटा में ही दर्ज कराए गए हैं।
गौरतलब है कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम का उलंघन करने पर आरएसपीसीबी ने बीते चार महीने में आला अफसरों के खिलाफ चार महीने में दूसरी बड़ी बड़ी कार्रवाई की है। राजस्थान में यह दूसरा मुकदमा है और दोनों मुकदमे कोटा में ही दर्ज कराए गए हैं।
वर्जन
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के निर्देशों की पालना न करने के आरोप में नगर निगम आयुक्त के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया गया है।
अमित जुयाल, क्षेत्रीय अधिकारी, आरएसपीसीबी कोटा
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के निर्देशों की पालना न करने के आरोप में नगर निगम आयुक्त के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया गया है।
अमित जुयाल, क्षेत्रीय अधिकारी, आरएसपीसीबी कोटा