हाथों में फूटे अनार, एक दर्जन पहुंचे अस्पताल
दिवाली पर ज्यादातर के हाथों में अनार बम फूटने से जख्मी हुए। दिवाली पर करीब एक दर्जन लोग जख्मी होकर अस्पतालों में पहुंचे है।

कोटा. आतिशबाजी का धुआं कोरोना संक्रमण के लिए घातक साबित होने के कारण राज्य सरकार ने इस बार दिवाली पर आतिशबाजी पर रोक लगाई थी। बावजूद कई जगहों पर इनकी गुपचुप तरीके से बिक्री हुई। दिवाली पर ज्यादातर के हाथों में अनार बम फूटने से जख्मी हुए। दिवाली पर करीब एक दर्जन लोग जख्मी होकर अस्पतालों में पहुंचे है। प्लास्टिक सर्जन डॉ. आलोक गर्ग ने बताया कि उनके अस्पताल में आतिशबाजी से करीब दस जने जख्मी होकर इलाज के लिए पहुंचे है। इनमें बारां अंता निवासी 5 वर्षीय बालक आहिल की जेब में पटाखा फूटने से जांघ जख्मी हो गई। कुन्हाड़ी निवासी 8 वर्षीय चिंटू की जमीन चकरी से फूटने से हाथ व चेहरा जल गया। कुन्हाड़ी निवासी 61 वर्षीय ओम प्रकाश, केशवरायपाटन निवासी 15 वर्षीय अभिषेक, सुल्तानपुर निवासी 16 वर्षीय राजकुमार, छावनी निवासी 30 वर्षीय रोहित, छावनी निवासी 12 वर्षीय कार्तिक के हाथ में अनार बम फूट गया। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरेश पाण्डेय ने बताया कि स्टेशन रंगपुर रोड निवासी 32 वर्षीय पवन राठौर की दाहिनी आंख में पटाखे के बारीक कण आंखों से निकाले। पटाखे से चोट लगने से पवन की पारदर्शी पुतली कॉर्निया जख्मी हो गई।
साड़ी व धोती में लगी आग
महावीर नगर तृतीय निवासी 57 वर्षीय महिला प्रभा की दिवाली के दिन जलते दीपक से साड़ी के पल्लू में आग लग गई। जबकि कुन्हाड़ी हाउसिंग बोर्ड निवासी 58 वर्षीय रामनारायण मेघवाल पूजा करते समय धोती में आग लगने से एमबीएस अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया।
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