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कोटा

संस्थागत प्रयासों से सकारात्मक परिवर्तन संभव

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गुमानपुरा के सभागार में शुक्रवार को संस्था प्रधानों की वाकपीठ संगोष्ठी में पहले दिन शैक्षणिक उन्नयन पर चर्चा की गई।

कोटाFeb 23, 2019 / 01:42 am

Anil Sharma

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vakpeeth

कोटा. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गुमानपुरा के सभागार में शुक्रवार को संस्था प्रधानों की वाकपीठ संगोष्ठी में पहले दिन शैक्षणिक उन्नयन पर चर्चा की गई। मुख्य अतिथि डॉ. एकता धारीवाल ने कहा कि वह अपने व्यक्तिगत और संस्थागत प्रयासों से कोटा के शैक्षणिक मानचित्र और हालातों में सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहती है। इस विषय में स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल का विचार भी यही है। उन्होंने कहा शैक्षणिक दृष्टि से कोटा अत्यंत समृद्ध है, लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। डीईओ माध्यमिक रिपुसूदन सिंह ने कहा कि संस्था प्रधानों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है। परीक्षाएं निकट है और उत्कृष्ट परिणाम देने का दायित्व उनके कंधों पर है। अच्छे परिणामों से ना केवल आत्म संतुष्टि बल्कि संस्था और शिक्षा जगत का नाम भी होता है। इससे पूर्व सहायक निदेशक सीडीईओ स्नेहलता चड्ढा ने कहा कि परीक्षा परिणाम संस्था का आइना होता है। जिसके माध्यम से हमारी छवि समाज तक जाती है। कार्यक्रम में डॉ. अनिरुद्ध शर्मा ने आरटीआई एक्ट के बारे में जानकारी दी। पीरामल फाउंडेशन के जयप्रकाश गोयल ने लीडरशिप के गुण विकसित करने के लिए एक संक्षिप्त वार्ता प्रस्तुत की। वाकपीठ में राजेंद्र सिंह सिसोदिया ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। तपेश विजय ने कार्यक्रम के विषय में सूचना दी। रेसापी के जिलाध्यक्ष प्रदीप चौधरी ने भी विचार व्यक्त किए। मंच पर नीति सक्सेना, राजेश मीना, रूपेश राठौर तथा राजीव मिश्रा उपस्थित थे। इस मौके पर राउमावि कुन्हाड़ी की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। संचालन डॉ. अतुल चतुर्वेदी ने किया। अंतिम सत्र में रामनारायण मीना हलधर तथा चांद शेरी ने अपने काव्य पाठ से समा बांध दिया।
एनएसटीई परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन
कोटा. रामपुरा व शक्ति नगर स्थित संस्कार स्कूल के बच्चों ने एनएसटीई प्रतियोगिता में भाग लिया। निर्देशिका प्रियंका मित्तल ने बताया कि स्कूल के 51 प्रतिभागी विद्यार्थियों में से 80 प्रतिशत विद्यार्थियों ने उत्कृत प्रदर्शन किया, वहीं 25 फीसदी विद्यार्थियों ने राज्य स्तर की 200 रेंक में अपना स्थान बनाया।
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