समिति अध्यक्ष हरीश गुरुबक्शानी ने बताया कि दोनों बच्चे समिति के आदेश से आश्रयस्थल में रहकर ही जीवन-यापन कर रहे हैं। उनके मकान पर ताला लगा हुआ था। बाल कल्याण समिति के आदेश पर पुलिस ने जब गांव में उनके मकान का सर्वे कराया तो एक हजार व पांच सौ के पुराने 96 हजार 500 रुपए मिले थे।
समिति अध्यक्ष गुरुबक्शानी ने बताया कि रंगबाड़ी स्थित आश्रयस्थल में रह रहे सूरज व सलोनी की तरफ से ऑनलाइन परिवेदना दर्ज करवाई है। इसमें उनके केस को विशेष मानकर पुराने नोट बदलने की अपील की गई है। साथ ही, उन्होंने यह भी लिखा है कि उनके मकान पर ताला लगा था। मकान की चाबी पुलिस के पास थी। यदि सरकार राशि बदल दे तो भविष्य में पढ़ाई और अन्य कार्यों में पैसा काम आ जाएगा।
पूर्व मंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखा उधर, पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर बच्चों की राशि को सुरक्षित करने की मांग की है। उन्होंने लिखा कि बाल कल्याण समिति के आदेश पर पुलिस द्वारा गांव के पुश्तैनी मकान में मिली रकम से दोनों बच्चों का भविष्य कुछ हद तक संवर सकता है। ऐसे में 96 हजार के पुराने नोटों को नोटबंदी के तय वक्त निकलने के बाद भी विशेष केस मानकर बदला जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की है कि बच्चों के सिर से मां-बाप का साया उठ चुका है। नोटबंदी के वक्त दोनों मासूम बच्चे एक संस्था में रह रहे थे।
विधायक ने भी लिखा पीएम को पत्र कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पुराने नोट बदलने की व्यवस्था कराने का अनुरोध किया है। शर्मा ने लिखा कि बच्चों के भविष्य के लिए पुराने नोटों को बदलना जरूरी है।