फसल बुवाई (हैक्टेयर) उत्पादन (मैट्रिक टन) गेहूं 478020 2261742 चना 172593 299129
व्यापारी मुकेश भाटिया ने बताया कि चने की आवक के साथ भाव 5000 का एवरेज चल रहा है। इसी भाव में नेफैड खरीद कर रही है तथा इसी भाव में स्टॉकिस्ट आ गए है। किसान निराश होकर चना निकाल रहे हैं। यदि चने की आवक के समय भाव 4000 से 4500 के बीच भाव होता तो चने का भाव 6 हजार रुपए तक पहुंच सकता था। पिछले वर्ष भी ऐसा ही हुआ। कम भाव के चलते किसानों ने चने को रोककर रखा, बाद में औने-पौने दामों में बेचना पड़ा। उन्होंने कहा कि चना सभी देशों में होता है। सरकार अन्य देशों से चना आयात कर लेती है। ऐसे में इस वर्ष भी चने के बाजार भाव बढऩे की उम्मीद कम है।
उन्होंने बताया कि गेहूं की देश में 11 लाख टन पैदावार है। 3 से 4 लाख हजार टन सरकारी खरीद की जाती है। 2200 से 2500 टन एक्सपोर्ट हो जाता है। लेकिन इस वर्ष रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से भारतीय गेहूं की डिमांड पूरे विश्व में अच्छी बनी हुई है। रूस व यूक्रेन दोनों देश मिलाकर विश्व को 30 प्रतिशत गेहूं की आपूर्ति करते थे जो युद्ध की वजह से नहीं हो पा रही। इसी तरह डिमांड चलती रही तो गेहूं का भाव आने वाले दिनों में 2700 से 3000 रुपए हो जाएगा। गेहूं की नई फसल आते ही स्टॉकिस्ट व निर्यातक बाजार में कूद पड़े, जिससे किसानों को काफी फायदा हुआ। वहीं बाजार भाव अच्छा होने से नेफैड व अन्य एजेंसियों को गेहूं बहुत कम मात्रा में मिला है।