केन्द्र सरकार ने आदेश जारी करके ई कॉमर्स कंपनियों को लॉक डाउन पीरियड में भी सभी वस्तुओं की ऑनलाइन व्यापार की परमीशन जारी कर दी थी। यह देशभर के लाखों छोटे बड़े व्यापारियों को नागवार गुजरा। व्यापारियों के साथ अन्याय होने से इस अनुमति को वापस लेने की मांग कोटा से बुलंद हुई ।
कोटा व्यापार संघ ने पीएम मोदी को ट्वीट कर व्यापारियों की पीड़ा को बताया। और ऑनलाइन व्यापार शुरू करने पर विरोध की आवाज बुलंद की। कोटा व्यापार महासंघ के उपाध्यक्ष एवं श्री सर्राफा बोर्ड के अध्यक्ष सुरेन्द्र गोयल विचित्र ने प्रधानमंत्री मोदी को ट्वीट करके रोष व्यक्त करते हुए शीघ्र ही इस आदेश को वापस लेने का निवेदन किया था । उसके बाद से ही पूरे देश से इस निर्णय के विरोध में आवाज़ उठने लगी। इस विरोध ने एक आंदोलन का रुप ले लिया था ।
विचित्र ने बताया कि केवल आवश्यक सामग्री के ऑनलाइन व्यापार’ को ही करने की छूट भी इसलिए जरूरी है क्योंकि मेट्रो सिटी, बड़े शहरों में मल्टिप्लेक्स या दूर कॉलोनी में रहने वाले परिवारों को सामानों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। उन्हें शायद ऑनलाइन से कुछ राहत मिले।
अब कम से कम ये कंपनियां अनावश्यक वस्तुओं को नहीं बेचेगी यही हम व्यापारियों के लिए राहत की बात है। विचित्र ने फिर भी ग्राहकों को सावचेत किया है कि इस संक्रमण महामारी में सोच समझकर ही सामान मंगाएं क्योंकि डिलीवरी ब्वॉय से भी संक्रमण फैलने का मामला सामने आया है।
व्यापार संघ का कहना है की देश कोरोना वायरस के संक्रमण की विभिषिका से गुजर रहा है । लॉकडाउन के चलते देशभर की दूकानों पर ताले लगे गये है। व्यापार आर्थिक मंदी की चपेट में आ गया है। वहीं इन स्थितियों के बीच ऑनलाइन व्यापार को अनुमति देना उचित नहीं था ।
उधर जनरल मर्चेंट एसोसिएशन अध्यक्ष राकेश जैन ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को सरकार के ऑनलाइन व्यापार की स्वीकृति देने के व्यापारी विरोधी निर्णय को वापस लेने की माँग करते हुए कहा था कि यह उन करोड़ों व्यापारियों के दर्द और पीड़ा मे खाज का काम करेगा जिन्होंने इस कोरोना काल में सरकार और आम जन का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया है ।