संयुक्त निदेशक कृषि डॉ. रामावतार शर्मा ने बताया कि बार-बार मावठ के चलते व धूप नहीं निकलने से धनिया की फसल में रोग लगाने का ज्यादा डर रहता है। साथ ही धनिया के भावों को देखते हुए उसकी लागत भी किसानों को नहीं मिल पाती। सभाग में पिछले वर्ष के मुकाबले धनिया की बुवाई 15 हजार हैक्टेयर कम होने की सभावना है।
इधर, सरसों के अच्छे भावों के चलते किसानों ने इस वर्ष सरसों की बुवाई पिछले वर्ष के मुकाबले 1 लाख 5 हजार हैक्टेयर ज्यादा रकबे में बुवाई हुई है। वहीं पिछले वर्ष के मुकाबले चना की 9 हजार व लहसुन की 14 हजार हैक्टेयर ज्यादा रकबे में बुवाई हुई है।
-बार-बार मौसम बदलने से रोग लगने व उत्पादन कम होने की सभावना
-धनिया का बाजार भाव कम मिलने व लागत ज्यादा होना
-सरसों का बाजार भाव अच्छा मिलने व उत्पादन ज्यादा होना
-सरसों का उत्पादन प्रति हैक्टेयर 24 से 28 क्विंटल, जबकि धनिया मात्र 11 से 12 क्विंटल होना
कोटा जिला
फसल लक्ष्य बुवाई
गेहूं 152000 97700
चना 50000 48205
सरसों 40000 62392 बूंदी जिला
गेहूं 155000 83563
चना 30000 19950
सरसों 50000 74035 जिला बारां
गेहूं 145000 91390
चना 47000 47377
बारां 102000 143480 जिला झालावाड़
गेहूं 120000 107101
चना 45000 48932
सरसों 45000 54364