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सीएमएचओ डॉ. सम्पतराज नागर ने बताया कि माथुर मेडिकल के संचालक के खिलाफ रोगियों को उपचार, परामर्श तथा दवा देने की लगातार शिकायतें मिल रही थी। जिला कलक्टर इन्द्र सिंह राव ने मामले में कार्रवाई के आदेश दिए थे। इसके तहत तहसीलदार, औषधि निरीक्षक ऐलोपैथी व आयुर्वेदिक तथा पुलिस को शामिल करते हुए टीम गठित की गई। टीम ने दोपहर को प्रताप चौक के निकट स्थित माथुर मेडिकल स्टोर पर दबिश देकर सील करने की कार्रवाई की। अब इस मामले की जांच पुलिस करेगी। दुकानदार ने बगैर अनुमति दुकान की सील हटाई तो अलग से मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
सीएमएचओ डॉ. सम्पतराज नागर ने बताया कि माथुर मेडिकल के संचालक के खिलाफ रोगियों को उपचार, परामर्श तथा दवा देने की लगातार शिकायतें मिल रही थी। जिला कलक्टर इन्द्र सिंह राव ने मामले में कार्रवाई के आदेश दिए थे। इसके तहत तहसीलदार, औषधि निरीक्षक ऐलोपैथी व आयुर्वेदिक तथा पुलिस को शामिल करते हुए टीम गठित की गई। टीम ने दोपहर को प्रताप चौक के निकट स्थित माथुर मेडिकल स्टोर पर दबिश देकर सील करने की कार्रवाई की। अब इस मामले की जांच पुलिस करेगी। दुकानदार ने बगैर अनुमति दुकान की सील हटाई तो अलग से मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
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उक्त मेडिकल संचालक पूर्व में कोटा से एक स्किन डिजीज रोग विशेषज्ञ को प्रति सप्ताह बारां बुलाता था। इससे लोगों का उस पर भरोसा जम गया। बाद में कोटा के चिकित्सक ने यहां आना बंद कर दिया तो खुद डॉक्टर बनकर रोगियों को उपचार परामर्श देने लगा। उसके पास इससे संबंधित कोई डिग्री नहीं है।
उक्त मेडिकल संचालक पूर्व में कोटा से एक स्किन डिजीज रोग विशेषज्ञ को प्रति सप्ताह बारां बुलाता था। इससे लोगों का उस पर भरोसा जम गया। बाद में कोटा के चिकित्सक ने यहां आना बंद कर दिया तो खुद डॉक्टर बनकर रोगियों को उपचार परामर्श देने लगा। उसके पास इससे संबंधित कोई डिग्री नहीं है।
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डॉ. नागर ने बताया कि गत 18 मार्च को भी पुलिस ने मेडिकल संचालक के खिलाफ बगैर डिग्री रोगियों का उपचार करने की शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई की थी। जहां आरोपी को रोगियों को परामर्श देते पकड़ा गया था। इसके बाद उसके पुलिस कोतवाली में प्रकरण दर्ज कराया गया था। लेकिन पुलिस ने इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस सूत्रों का कहना है कि न्यायालय में चालान पेश करने के बाद फर्जी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. नागर ने बताया कि गत 18 मार्च को भी पुलिस ने मेडिकल संचालक के खिलाफ बगैर डिग्री रोगियों का उपचार करने की शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई की थी। जहां आरोपी को रोगियों को परामर्श देते पकड़ा गया था। इसके बाद उसके पुलिस कोतवाली में प्रकरण दर्ज कराया गया था। लेकिन पुलिस ने इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस सूत्रों का कहना है कि न्यायालय में चालान पेश करने के बाद फर्जी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।