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लेखाकर्मी एवं लेखाधिकारी हैं सरकार की आत्मा, वित्त के बिना नहीं कोई कार्य सम्भव

locationकोटाPublished: Jan 08, 2018 06:54:05 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

स्नेह मिलन समारोह में बोल वक्ता लेखाकर्मी राज्य सरकार की आत्मा है|

ACCOUNTANT
कोटा .
राजस्थान एकाउन्टेन्ट्स एसोसिएशन का स्नेह मिलन एवं सम्मान समारोह रविवार को कोटा विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ। इसमें लेखाकर्मियों की मांगों पर चर्चा हुई। अध्यक्ष दिनेश जैन और अन्य पदाधिकारियों ने विसंगतियों को दूर करने की मांग रखी। कार्यक्रम के अतिथि सांसद ओम बिरला ने कहा, राज्य के विकास में लेखाधिकारियों एवं लेखाकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। वे राज्य सरकार का राजस्व बढ़ाने एवं उसका समुचित उपयोग करने में सहयोग करते हैं। लेखाकर्मी राज्य हित में अपनी उचित राय बेबाकी के साथ दें और निर्भय होकर राज कार्य सम्पादित करें।
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विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि लेखाकर्मी एवं लेखाधिकारी सरकार की आत्मा हैं, क्योंकि बिना वित्त के कोई कार्य सम्भव नहीं है। लेखाधिकारियों एवं लेखाकर्मियों को अपने कर्तव्य के प्रति जागरूक होकर कार्य करने की आवश्यकता है। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री पंकज मेहता ने कहा, राज्य सरकार जनता से कर की वसूली कर राज्य का विकास करती है। जनता के ट्रस्टी के रूप इस राशि का सदुपयोग सुनिश्चित करें।
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सोरल, लेखा रत्न सम्मान से सम्मानित

लेखा संवर्ग के कर्मचारियों के हितों के लिए आन्दोलनों का कुशल नेतृत्व करने पर सेवानिवृत्त सहायक लेखाधिकारी अजय सोरल को लेखा रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया। उनके सम्मान में प्रशस्ति पत्र का वाचन कर उन्हें भेंट किया गया। मुख्य अतिथि सांसद बिरला द्वारा उन्हें शॉल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। उत्कृष्ट कार्य करने वाले लेखाधिकारी भी सम्मानित हुए।
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मांगें भी उठीं

कार्यक्रम कोटा में एक अतिरिक्त कोष कार्यालय खोलने, सहायक लेखाधिकारी ग्रेड-द्वितीय को राजपत्रित घोषित करने, सहायक लेखाधिकारी से लेखाधिकारी के पदोन्नति के पदों को कैडर का 50 प्रतिशत करने की मांग भी उठी। इसके अलावा छठे वेतन आयोग की वेतन विसंगतियों को दूर कर कनिष्ठ लेखाकार की ग्रेड पे 4200, सहायक लेखाधिकारी ग्रेड-द्वितीय की ग्रेड पे 4800 तथा सहायक लेखाधिकारी ग्रेड-प्रथम की ग्रेड पे 5400 स्वीकृत करने की मांग पर भी चर्चा हुई।
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