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राज्य सरकार ने आईएल की 182 एकड़ जमीन मांगी

locationकोटाPublished: Jul 08, 2017 10:28:00 am

Submitted by:

shailendra tiwari

इन्स्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड (आईएल) कोटा और जयपुर की जमीन राज्य सरकार ने मांगी है। उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने आईएल प्रबंधन को कोटा व जयपुर में राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई भूमि में से वर्तमान में उपलब्ध भूमि मय निर्मित फैक्ट्री और टाउनशिप को राज्य सरकार को समर्पित करने को कहा है।

Rajasthan Government sought 182 acres of IL

Rajasthan Government sought 182 acres of IL

भारत सरकार के उपक्रम इन्स्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड (आईएल) कोटा और जयपुर की जमीन राज्य सरकार ने मांगी है। उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने आईएल प्रबंधन को कोटा व जयपुर में राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई भूमि में से वर्तमान में उपलब्ध भूमि मय निर्मित फैक्ट्री और टाउनशिप के राज्य सरकार को समर्पित करने को कहा है। 
कोटा आईएल के पास 182 एकड़ जमीन है, जो शहर की सबसे प्राइम जगह पर है। यह बेशकीमती जमीन है। उद्योग मंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को जयपुर सचिवालय में आईएल की जमीन को लेकर बैठक हुई। 
इसमें आईएल कोटा को राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई भूमि में से उपलब्ध भूमि और बकाया ऋण राशि के निस्तारण के संबंध में चर्चा की गई। बैठक में केन्द्र व राज्य सरकार के उच्च अधिकारी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार द्वारा आईएल कोटा को बंद करने का निर्णय किया जा चुका है।
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182 एकड़ जमीन

उद्योग मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने आईएल को लीज पर नि:शुल्क उपलब्ध कराई गई भूमि में से अब कोटा में 182 एकड़ भूमि और जयपुर के सीतापुरा में 10.59 एकड़ भूमि उपलब्ध है। इसमें से 59 एकड़ भूमि का मालिकाना हक इन्स्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड का है। इस कारण इस भूमि की बाजार दर के अनुसार राशि तय कर उस राशि का समायोजन ब्याज मुक्त ऋण के पेटे किया जाएगा। 
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त डी.बी. गुप्ता, उद्योग राजीव स्वरूप, नगरीय विकास मुकेश शर्मा, केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव शिवानंद, आयुक्त उद्योग कुंजी लाल मीणा, रीको एमडी मुग्धा सिन्हा, निदेशक भारी उद्योग रितु पाण्डे, आईएल कोटा के सीएमडी एम.पी. ईश्वर सहित आला अधिकारी मौजूद थे।
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केन्द्र से मांगेंगे 136 करोड़

शेखावत ने कहा कि राज्य सरकार ने आईएल के रिवाइवल के लिए राहत पैकेज के रूप में 145 करोड़ रुपए ब्याज मुक्त ऋण के रूप में उपलब्ध कराए थे। आईएल द्वारा इसकी किस्तों का समय पर पुनर्भुगतान नहीं करने से वर्तमान में 136 करोड़ 26 लाख रुपए बकाया है। समय पर पुनर्भगतान नहीं करने के कारण लगने वाले दण्डनीय ब्याज को माफ करने पर विचार करने का आश्वासन दिया है। केन्द्र से बकाया राशि के शीघ्र भुगतान करने का आग्रह किया।
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