scriptपत्रिका इम्पेक्ट : विलायती बबूल की जड़ें उखाड़ेगा खुला विश्वविद्यालय | Rajasthan patrika's campaign to eliminate julie flora from the land of | Patrika News

पत्रिका इम्पेक्ट : विलायती बबूल की जड़ें उखाड़ेगा खुला विश्वविद्यालय

locationकोटाPublished: Jan 24, 2020 06:38:53 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

कुलपति ने कंटीली झाडिय़ां खत्म कर छायादार वनस्पतियों के पौधे रोपने के दिए आदेश, 26 जनवरी से होगी शुरुआत 75 एकड़ के विवि परिसर से विलायती बबूल को किया जाएगा जड़ मूल खत्म, क्षेत्रीय केंद्रों पर भी चलेगा अभियान

पत्रिका इम्पेक्ट : विलायती बबूल की जड़ें उखाड़ेगा खुला विश्वविद्यालय

पत्रिका इम्पेक्ट : विलायती बबूल की जड़ें उखाड़ेगा खुला विश्वविद्यालय

कोटा. राजस्थान की जमीन से विलायती बबूल को जड़ मूल खत्म करने की राजस्थान पत्रिका की मुहिम रंग लाने लगी है। वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय (वीएमओयू) के कुलपति ने 75 एकड़ में फैले विवि परिसर के साथ-साथ सातों क्षेत्रीय अध्ययन केंद्रों को विलायती बबूल मुक्त बनाने के आदेश दिए हैं। बबूल के कांटे हटाने के बाद परिसर में छायादार और औषधीय वनस्पतियों के पौधे रोपे जाएंगे।

राजस्थान पत्रिका ने 24 दिसंबर को ‘जब बोई झाड़ी बबूल की तो छांव कहां से होएÓ खबर प्रकाशित कर स्थानीय वनस्पतियों और पशु पक्षियों के लिए काल साबित हो रहे विलायती बबूल (जूली फ्लोरा) को प्रदेश की जमीन से पूरी तरह खत्म करने के अभियान की शुरुआत की थी। कंटीली हरियाली को जड़मूल खत्म करने के लिए कोटा से उठी आवाज पूरे प्रदेश भर में गूंजने लगी तो खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वन मंत्री सुखराम विश्नोई ने पूरे प्रदेश के इसके समूल नाश के लिए चरणबद्ध योजना बनाकर लागू करने के आदेश जारी कर दिए थे।
जड़मूल होगा खत्म
प्रो. गोदारा ने बताया कि विवि परिसर के करीब 50 एकड़ क्षेत्रफल में विलायती बबूल ने कब्जा जमा रखा है। जिसे पूरी तरह खत्म करने के लिए तीन चरणों में काम किया जाएगा। सबसे पहले विलायती बबूल की झाडिय़ों को जड़ से उखाड़ा जाएगा। उसके बाद यह जड़ें फिर से न पनपें इसके लिए कैमिकल ट्रीटमेंट करवाया जाएगा और इसके बाद स्थानीय प्रजाति के कम पानी में उगने वाले फलदार पेड़ों जैसे बिल्व पत्र, लसोड़ा, खेजड़ी, झाल, कुमटा, गुंदी, इमली, जामुन, बांस, बैर, नीम, पीपल, बरगद एवं एलोवेरा आदि का रोपण किया जाएगा। पौधारोपण के दौरान इस बात पर जोर दिया जाएगा कि पौधों की कम से कम 80 फीसदी तादाद चार सालों तक हर हाल में जीवित रहे।

गणतंत्र दिवस से शुरुआत
प्रो. गोदारा ने बताया कि वीएमओयू परिसर को विलायती बबूल मुक्त करने के लिए गणतंत्र दिवस से विशेष अभियान की शुरुआत की जाएगी। विवि के सभी शिक्षक, कर्मचारी एवं अधिकारी श्रमदान कर परिसर में हर ओर कब्जा जमा चुकी कंटीली झाडिय़ों को हटाने के लिए श्रमदान करेंगे। इस काम को नियमित जारी रखने के लिए सप्ताह में एक दिन तय कर श्रमदान किया जाएगा। प्रो. गोदारा ने बताया कि विवि परिसर ही नहीं क्षेत्रीय अध्ययन केंद्रों और विवि की ओर से गोद लिए गए गांव में विलायती बबूल को जड़मूल खत्म करने की मुहिम चलाई जाएगी। इसके साथ ही लोगों को विलायती बबूल से होने वाले नुकसानों की जानकारी देकर उन्हें जागरूक बनाने का भी अभियान चलाया जाएगा।
वीएमओयू ने संभाली जिम्मेदारी
वीएमओयू के कुलपति प्रो. आरएल गोदारा ने राजस्थान पत्रिका के अभियान और विलायती बबूल से होने वाले नुकसानों के बारे में विवि प्रशासन और शिक्षकों को जागरूक बनाने के लिए गुरुवार को परिचर्चा की तो सभी ने पर्यावरण संरक्षण की इस महती जिम्मेदारी की शुरुआत विवि परिसर से ही करने की बात कही। इसके बाद कुलपति प्रो. गोदारा ने 75 एकड़ में फैले पूरे परिसर को विलायती बबूल मुक्त बनाने के आदेश जारी कर दिए।
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