जिस फौजी ने सरहद पर दुश्मनों को फटकने नही दिया वह अपनों के आगे हो रहा बेबस,वीर चक्र विजेता बोला,परिवार से है मुझे जान का खतरा संगठन के प्रदेश सभाध्यक्ष देवलाल गोचर ने पत्रकारों को बताया कि शिक्षा विभाग में स्थानांतरण के लिए इच्छुक शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। शिक्षा मंत्री ने अनेक अवसरों पर आश्वस्त किया था कि पारदर्शीपूर्ण तरीके से मांगे गए आवेदनों के आधार पर स्थानांतरण किए जाएंगे, लेकिन हजारों की संख्या में राजनीतिक डिजायरों के आधार पर प्रधानाचार्य, व्याख्याताओं के मनमाने तरीके से पांच सौ से आठ सौ किमी दूर स्थानांतरण कर दिए। इनमें विधवा, परित्यक्ता, दिव्यांग शिक्षकों का भी ख्याल नहीं रखा। उन्हें भी दूर भेज दिया। जबकि समीप के स्थानों पर पद रिक्त पड़े हैं। इसके चलते कई स्कूलों में तालाबंदी की नौबत आ गई है।
संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष योगेश शर्मा ने कहा कि पिछले साल स्कूलों में बेहतर परीक्षा परिणाम देने वाले प्रधानाचार्य व व्याख्याताओं तक के तबादले किए हैं। जबकि उन्होंने तबादलों के लिए कोई आवेदन भी नहीं किए। इस मौके पर संगठन के प्राथमिक क्षेत्र के प्रदेश उपाध्यक्ष देवकीनंदन सुमन, संघ के उपसभाध्यक्ष दिनेश स्वर्णकार, जिलाध्यक्ष नवल किशोर शर्मा, जिला मंत्री रासबिहारी यादव भी मौजूद रहे।
– कैंसर पीडि़त का भी किया तबादला कैंसर पीडि़त राउमावि सुभाषनगर की प्रधानाचार्य सुशीला बालोत्रा का डूंगरपुर तबादला कर दिया। जबकि कोटा जिले में कई स्कूलों में खाली पद हैं। राबामावि रामपुरा की बॉयलोजी की व्याख्याता विधवा ओम प्रभा मेहता को बांसवाड़ा के सज्जनगढ़ में लगाया गया। जबकि सांगोद व बपावर में बॉयलोज के पद खाली पड़े हैं।