कोटा

राजस्थान को 15 मई तक 795 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी

कोरोना संक्रमण के चलते सरकार राजस्थान में विवाह आयोजनों को स्थगित करने पर विचार कर रही है। इसके साथ ही लॉकडाउन भी लगाया जा सकता है। ऑक्सीजन की कमी को लेकर सरकार की चिंता अभी दूर नहीं हुई है। जरूरत की आधी आपूर्ति मिल रही है।

कोटाMay 06, 2021 / 10:20 am

Jaggo Singh Dhaker

oxygen tanker

कोटा. राजस्थान में एक्टिव कोरोना संक्रमितों की संख्या के अनुसार राज्य को वर्तमान में 615 मैट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता है, जबकि उपलब्धता मात्र 351 मैट्रिक टन ही है। यदि संक्रमण की यही रफ्तार रही तो 15 मई तक ऑक्सीजन की आवश्यकता करीब 795 मैट्रिक टन हो जाएगी। इसके साथ ही ऑक्सीजन के उठाव के लिए प्रदेश में 26 अतिरिक्त टैंकरों की आवश्यकता है। वहीं राजस्थान के मंत्रिपरिषद ने संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता जताई है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए 5 मंत्रियों के एक समूह का गठन किया है। यह मंत्री समूह संभावित कदमों पर विचार कर गुरुवार को अपने सुझाव देगा। जिसके आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, जलदाय मंत्री बीडी कल्ला, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग इस समूह में शामिल हैं। बैठक में कहा गया कि कोरोना की दूसरी लहर से गांवों में एवं युवाओं में संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। उपचार के लिए शहर आते-आते रोगियों की स्थिति गंभीर हो रही है। ऐसे में बुधवार को हुई बैठक में आम राय थी कि संक्रमण की इस चिंताजनक स्थिति पर अंकुश लगाने के लिए कुछ समय तक विवाह आयोजनों को स्थगित कर दिया जाए। बहुत अधिक आवश्यकता हो तो केवल कोर्ट मैरिज ही की जाए।
बैठक में महामारी रेड अलर्ट-जन अनुशासन पखवाड़ की पालना, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद और ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर एवं टोसिलीजुमैब दवाओं की आपूर्ति पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में संक्रमण के गहराते संकट से निपटने के लिए और भी कड़े कदम उठाने तथा चिकित्सा सुविधाओं के निरंतर विस्तार एवं सुदृढीकऱण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। मंत्रिपरिषद ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए रेड अलर्ट कफ्र्यू की गाइडलाइन को सख्ती से लागू करते हुए आवागमन न्यूनतम किए जाने का सुझाव दिया। मंत्रिपरिषद ने केंद्र सरकार से लगातार आग्रह के बावजूद राज्य को एक्टिव केसेज के अनुपात में मेडिकल ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर की आपूर्ति नहीं मिलने पर चिंता व्यक्त की और देश के सुदूर स्थानों से ऑक्सीजन का उठाव करने के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्र से टैंकर उपलब्ध करवाने की मांग रखी। साथ ही राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत बर्नपुर और कलिंगानगर की बजाय जामनगर एवं भिवाड़ी से ऑक्सीजन का आवंटन बढ़ाने पर बल दिया। इससे ऑक्सीजन का जल्द उठाव किया जाना संभव हो सकेगा। बैठक में कहा गया कि दूसरी लहर के साथ-साथ तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए राज्य सरकार को कोविड प्रबंधन के लिए जरूरी संसाधन समय रहते जुटा लेने चाहिए। बैठक में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की जल्द से जल्द खरीद सुनिश्चित किए जाने, राज्य में ऑक्सीजन के अधिक से अधिक प्लांट स्थापित करने और दवाओं का भी स्थानीय स्तर पर उत्पादन करने के लिए सभी संभव प्रयास करने पर सहमति व्यक्तकी गई।
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