। महोत्सव की चकाचौंध, गुजराती गीतों और परंपरागत वेशभूषा की जुगलबंदी ने माहौल संस्कृति से लबरेज कर दिया। छोटे-बड़ों के साथ पहुंचे परिवारों ने एक साथ गरबा रास करते हुए परंपरा को आगे बढ़ाया। देर रात गरबे की धुन पर गरबा प्रेमियों के कदम थिरकते नजर आए। राजस्थान पत्रिका प्रस्तुत, विमल इलायची, पावर्ड बाय स्टेयर्स द स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के संयुक्त तत्वावधान में बारां रोड स्थित तुलसी रिसोर्ट में शनिवार दूसरे दिन डांडिया महोत्सव का आयोजन हुआ। आयोजन का हिस्सा बनने के लिए शहर के कोने-कोने से लोग जुटे। महोत्सव में भागीदारी की ललक मन में ऐसी थी कि परम्परागत परिधानों में सज-धजकर लोगों ने माहौल में रंग जमा दिया। गरबा के शौकीन लोगों ने थिरकते हुए मानो गुजराती संस्कृति को जीवंत कर दिया। महोत्सव में बच्चों और युवाओं ने जमकर डांडिया खनकाए, वहीं महिलाएं और वरिष्ठजन भी गरबा रमने में पीछे नहीं रहे। ट्रेडिशनल ड्रेसअप में युवा, किशोर व बच्चों की टोलियों की मस्ती धमाल की रंगत ने अलग ही माहौल पैदा किया।
। महोत्सव की चकाचौंध, गुजराती गीतों और परंपरागत वेशभूषा की जुगलबंदी ने माहौल संस्कृति से लबरेज कर दिया। छोटे-बड़ों के साथ पहुंचे परिवारों ने एक साथ गरबा रास करते हुए परंपरा को आगे बढ़ाया। देर रात गरबे की धुन पर गरबा प्रेमियों के कदम थिरकते नजर आए। राजस्थान पत्रिका प्रस्तुत, विमल इलायची, पावर्ड बाय स्टेयर्स द स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के संयुक्त तत्वावधान में बारां रोड स्थित तुलसी रिसोर्ट में शनिवार दूसरे दिन डांडिया महोत्सव का आयोजन हुआ। आयोजन का हिस्सा बनने के लिए शहर के कोने-कोने से लोग जुटे। महोत्सव में भागीदारी की ललक मन में ऐसी थी कि परम्परागत परिधानों में सज-धजकर लोगों ने माहौल में रंग जमा दिया। गरबा के शौकीन लोगों ने थिरकते हुए मानो गुजराती संस्कृति को जीवंत कर दिया। महोत्सव में बच्चों और युवाओं ने जमकर डांडिया खनकाए, वहीं महिलाएं और वरिष्ठजन भी गरबा रमने में पीछे नहीं रहे। ट्रेडिशनल ड्रेसअप में युवा, किशोर व बच्चों की टोलियों की मस्ती धमाल की रंगत ने अलग ही माहौल पैदा किया।